समाचार सच, देहरादून/चमोली। नंदानगर आपदा ने पूरे उत्तराखंड को दहला दिया है। पहाड़ की खामोशी अब चीखों से गूंज रही है। मलबे के ढेर के नीचे दबे अपने अपनों को ढूंढने की उम्मीद में गांववाले लगातार टकटकी लगाए खड़े हैं।
बीती रात 16 घंटे बाद मलबे से दो लोगों को जिंदा निकाल लिया गया. जिसने पूरे इलाके में नई उम्मीद जगा दी। हालांकि आज एक महिला का शव भी बरामद हुआ है। प्रशासन के अनुसार, अभी भी 7 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए पुलिस, प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान रात-दिन युद्धस्तर पर जुटे हुए हैं।
17 सितंबर की रात को आई अतिवृष्टि ने कुंतरी और धुर्मा गांव को तबाह कर दिया। कई घर और गौशालाएं मलबे में समा गईं। अब तक की जानकारी के मुताबिक, इस आपदा में 2 शव बरामद, 2 लोग सकुशल रेस्क्यू और 8 लोग लापता बताए जा रहे थे। आज एक और शव मिलने के बाद लापता लोगों की संख्या 7 रह गई है।
चमोली जिलाधिकारी ने प्रभावित परिवारों को सुरक्षित राहत शिविरों में पहुंचाने, भोजन और पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। कुंतरी के लिए सैती प्राथमिक विद्यालय, मरिया आश्रम और पूर्ति निरीक्षक गोदाम में राहत शिविर बनाए गए हैं। धुर्मा और सेरा गांव के दर्जनों परिवार भी राहत शिविरों में शिफ्ट किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा की स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखी है और अधिकारियों को हर संभव मदद देने के निर्देश दिए हैं। वहीं, नंदप्रयाग नंदानगर मार्ग अब भी अवरुद्ध है, जिसे खोलने की कोशिशें जारी हैं।

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