मुनस्यारी से लेकर चकराता तक महिलाओं की आवाज बनी अमिता

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आंसू बहाकर नहीं वरन अपने आप को पहचानने से होगा महिला सशक्तिकरण

समाचार सच, हल्द्वानी। राज्य महिला आयोग की पूर्व उपाध्यक्ष अमिता लोहनी का कहना है कि महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए स्वंय लड़ना होगा। अगर महिलाओं को कानून की जानकारी होगी तो वे अपने अधिकारों के लिए मुखर होंगी और वे अपने खिलाफ होने वाले अन्याय पर आगे आयेंगी। उनका कहना है कि अगर महिलाओं का कहीं उत्पीड़न हो रहा है तो इसके लिए उन्हें आगे आना ही पड़ेगा। वहीं अब आंसू बहाकर काम नहीं चलेगा वरन आगे आकर लड़ाई लड़नी पड़ेगी। महिला अधिकारों के लिए बेबाक ढंग से आवाज उठाने वाली अमिता लोहनी समाचार सच न्यूज पोर्टल के संपादक, अजय चौहान व सहायक संपादक धीरज भट्ट ने उनसे विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत के विशेष अंश-

समाचार सच-वर्तमान में महिलाओं के समक्ष क्या चुनौतियां हैं ?
अमिता-जब तक महिलाओं को कानून की जानकारी नहीं है तब तक महिलाओं को सशक्तीकरण संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में एक सर्वे कराकर वहां की महिलाओं को कानूनी जानकारी देनी चाहिए। उनका कहना था कि उन्होंने सुदूर क्षेत्र मुनस्यारी में एक बार वहां ट्रक चालक द्वारा महिलाओं का शोषण करने पर उन्होंने आवाज उठायी थी। वहीं उनका कहना था कि अगर महिला अपने अधिकारों के प्रति जागृत हो जाये तो वे पुलिस व थानों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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समाचार सच- आप क्या-क्या कार्य कर रही है?
अमिता-
पूर्व महिला आयोग के उपाध्यक्ष होने के नाते वे कभी भी किसी महिला का उत्पीड़न सहन नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि अगर कहीं भी किसी पीड़ित महिला का फोन आता है तो वह उसकी तत्परता से सहायता करती हैं। अभी कुछ दिनों पूर्व कोटाबाग क्षेत्र में कुछ बालिकाओं का शोषण होेने पर उन्हेें सहायता दी थी। वहीं जोशीमठ क्षेत्र में दो बालिकाओं को उनके प्रयास से बालिका गृह भेज दिया गया था वहीं उनकी मां को नारी निकेतन में भर्ती करा दिया गया था।

समाचार सच-राज्य महिला आयोग क्या भूमिका निभा रहा है?
अमिता-
राज्य बनने के बाद सरकार ने महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण का राज्य महिला आयोग का गठन किया था। इसके जरिये समाज में उत्पीड़न के शिकार महिलाओं को न्याय दिलाना है। वर्तमान में भी राज्य महिला आयोग अपने कार्यों का निष्पादन करते हुए महिलाओं के सशक्तीकरण का कार्य कर रहा है। वहीं आम महिलाओं को जागरूक करने के लिए भी कार्य कर रहा है।

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समाचार सच-महिला आयोग का उपाध्यक्ष रहते आपने क्या-क्या कार्य किये?
अमिता-
राज्य महिला आयोग में उपाध्यक्ष रहने के दौरान उन्होंने चार हजार के लगभग घरेलु हिंसा व 100 से लेकर 150 तक केस तीन तलाक से संबंधित केस निपटाये। इसके अलावा उन्होंने राज्य के तमाम महिलाओं के उन आवेदनों को निपटाया जिनकी रिपोर्ट आयोग में आयी थी। उन्होंने कहा कि महिलाओं केा कानूनी जानकारी देने के लिए राज्य महिला आयोग की तरफ से सरकार ने कैंप आदि भी लगाकर जानकारी लोगों को दी।

समाचार संदेश-आप क्या संदेश देना चाहती हैं?
अमिता-
उन्होंने कहा कि आंसू बहाने से नहीं उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठायें और महिला सशक्तिकरण के लिए जब तक महिलाएं अपनी आवाज बुलंद नहीं करेंगी तो तब तक उनका सशक्तिकरण नहीं होगा। महिलाएं कानून की जानकारी लें और अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ें। वहीं उन्होंने कहा कि जो महिला समाज में अन्याय से पीड़ित हेा तो वह उनके कार्यालय रामनगर में उनके कार्यालय या उनके फोन नम्बर 9927772206 पर सम्पर्क कर सकते हैं।

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