सूर्य को किस समय जल चढ़ाना चाहिए? जिससे बेहद शुभ और फलदायी हो

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। सूर्य देव को जल चढ़ाना बेहद शुभ और फलदायी होता हैं। वही एक देवता हैं जो रोजाना दर्शन देते हैं। इसलिए दिन की शुरुआत सूर्य को जल चढ़ाने से करना बेहद शुभ माना गया है। लेकिन इसमें गलती करना अपने हाथों बर्बादी को न्योता देना है।

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सूर्य को जल चढ़ाने का समय
धर्म-शास्घ्त्रों में सूर्य को जल चढ़ाने का सही समय बताया गया है। इसके अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, साफ कपड़े पहनें और जब सूर्याेदय हो तब तांबे के पात्र से सूर्य को जल अर्पित करें।

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दोपहर में सूर्य को अर्ध्य
शास्त्रों के अनुसार कभी भी दोपहर के समय सूर्य को जल नहीं चढ़ाएं। बल्कि सुबह 9-10 बजे के बाद सूर्य को अर्ध्य ना दें। दिन में सूर्य को जल चढ़ाना मदिरा चढ़ाने के समान माना गया है।

सूर्यास्त के समय भी ना चढ़ाएं
इसी तरह सूर्यास्त के समय भी जल चढ़ाने की गलती ना करें। कई लोग जानकारी के अभाव में सूर्यास् से थोड़े समय पहले यानी कि शाम के समय सूर्य को जल देते हैं. जबकि यह गलत है।

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प्रमोशन की जगह डिमोशन
ढलते सूरज को अर्ध्य देना अशुभ होता है। इससे जातक तरक्की पाने की बजाय पिछड़ने लगता है। उसके जीवन में नकारात्मकता आती है।

इन दिनों में भी ना चढ़ाएं अर्ध्य
वहीं घर में किसी की मृत्यु होने पर या बच्चे के जन्म पर सूतक – काल के दौरान भी सूर्य को अर्ध्य ना दें। ना ही इस दौरान पूजा-पाठ करें. गरीबी रेखा से ऊपर के बच्चों के हैं, समानता और समान अवसर इनका अधिकार है जिसके लिए आपका सहयोग अति अनिवार्य है।

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