समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है। इसके अगले दिन होली मनाई जाती है। इस साल 24 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा। यह सुबह 09 बजकर 54 मिनट से शुरू होगी। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगा।
होलिका दहन शुभ मुहूर्त
देश के जाने माने ज्योतिषाचार्य हस्तरेखा, वास्तु शास्त्र रत्न एवं कुण्डली विशेषज्ञ डॉ. मनीष गौतम महाराज जी के अनुसार, होलिका दहन रात 11 बजकर 13 मिनट से लेकर 12 बजकर 27 मिनट तक किया जा सकेगा। ऐसे में होलिका दहन के लिए कुल 1 घंटे 14 मिनट का समय मिल सकेगा।
होली का महत्व
होली हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार है। यह फाल्गुन माह में मनाया जाता है। शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की रात होलिका दहन होता है और इसके अगले दिन होली मनाई जाती है। बता दें, बसंत का महीना लगने के बाद से ही इसका इंतजार शुरू हो जाता है।
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होली
हिंदू धर्म के मुताबिक, होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है। होली एक सांस्कृतिक, धार्मिक और पारंपरिक त्योहार है। पूरे भारत में इसका अलग ही जश्न देखने को मिलता है। लोगों में उत्साह नजर आता है। होली आपसी प्रेम, भाईचारे और सद्भावना का त्योहार माना जाता है। इस दिन लोग एक दूसरे को रंगों में सराबोर करते हैं। सभी के घरों में पकवान बनते हैं। लोग एक दूसरे के घर जाकर रंग-गुलाल लगा कर गले मिलते हैं और होली की शुभकामनाएं देते हैं।
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