व्यापार मंडल में महिला उपाध्यक्ष पद के लिए ठोकी ताल
समाचार सच, हल्द्वानी। प्रान्तीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के ग्रामीण इकाई मुखानी-कुसुमखेड़ा से महिला उपाध्यक्ष पद के लिए ताल ठोकने वाली व साफ-स्वच्छ छवि की भागीरथी जोशी ने कहा है कि वे व्यापारी हितों के लिए प्रतिबद्व हैं और वे किसी भी व्यापारी का नियम विरूद्व उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेंगी। उनका कहना था कि दिन पर दिन व्यापारियों के समक्ष तमाम कठिनाइयां आती हैं।
उन कठिनाइयों को दूर करने का प्रयास किया जायेगा। विशेषकर महिला व्यवसाय अपनी समस्याओं को लेकर आगे नहीं आ पाती हैं जिनसे उनके व्यवसाय पर तो असर पड़ता ही है साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति भी डांवाडोल हो जाती है। ऐसी स्थिति में महिला व्यवसाइयों में असुरक्षा की भावना भी घर कर जाती है। वहीं उनका कहना है कि वर्तमान में महिला व्यवसाइयों की संख्या कम है और उनका प्रतिनिधत्व भी कम है। इसलिए इसको बढ़ाने के लिए उनकी तरफ से मुहिम चलायी जायेगी। उन्होंने कहा कि अगर महिला व्यवसायी भी आगे आयेंगी तो इससे वे आत्मनिर्भर तो बनंेगी और साथ ही इससे हमारा देश भी आत्मनिर्भर बनकर पीएम मोदी के सपनों को धरातल पर उतारने में सहायक सिद्व होगा। जोशी का कहना था कि वर्तमान काल में भी हमारा समाज दकियानुसी है और महिलाओं को आगे आने के लिए तमाम झंझावतों का सामना करना पडता है। भागीरथी जोशी ने कहा कि वे चुनाव जीत जाने पर व्यापारी बंधुओं के हित में कार्य करने का वादा करती हैं। वहीं उन्होंने कहा कि अनेक बार व्यापारियों को सरकार व शासन-प्रशासन द्वारा उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में व्यापारी बंधुओं का साथ दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें जागरूक होने की आवश्यकता है। अगर हमारे व्यवसायी बंधु एक होकर अपनी आवाज को बुलंद करेेंगे तो इससे जहां व्यापारियों का हाथ मजबूत होगा वहीं वो देश निर्माण में भी प्रतिभाग करेगा। वहीं उन्होंने कहा कि जो नियम विरूद्व कार्य करेगा या गैरकानूनी कार्य करेगा वह उसका साथ नहीं देंगी।
बीस हजारी से लेकर बने लखपति
हल्द्वानी। कुसुमखेड़ा एसबीआई के पास नवदुर्गा एण्ड ब्यूटी सैलून की संचालिका भागीरथी जोशी का कहना है कि उन्होंने अपना व्यवसाय मात्र बीस हजार में शुरू किया था जो आज लाखों में पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि इसके पीछे उनकी अथाह मेहनत और लगन है। उन्होंने कहा कि अगर आप के अन्दर लगन है तो आप कोई भी काम में अपना डंका बचा सकते हैं। आज वे किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं। उनका कहना था कि मेरा लक्ष्य एक सफल व्ययवसायी बनना है। वहीं वे महिलाओं को यह संदेश देना चाहती हैं कि अगर आप अपने इरादे में अटल हैं तो आपके रास्ते में कितनी भी बाधाएं आयें लेकिन आप उनसे पार हो जायेंगे। उन्होंने बताया कि वे आने वाले दिनों में आत्मनिर्भर बनकर दूसरों को भी रोजगार देंगी और पीएम के नारों को भी धरातल पर उतारेंगी।
कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं हो सकता…
हल्द्वानी। कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं हो सकता है, एक पत्थर तो उछालो यारो। कवि दुष्यन्त की यह पंक्ति भागीरथी जोशी पर सत्य चरितार्थ होती है। आज वह जिस मुकाम पर हैं इसके लिए उनकी मेहनत भी है। उन्होंने शुरूआती दौर में ही अपना काम किया और आज वे एक मुकाम पर पहुंच गयी हैं। उनका कहना है कि अगर युवा भी मेहनत करें तो मंजिल पाने में देर नहीं लगती। उन्होंने कहा कि वे ऐसी उद्यमी कहलाया जाना पसन्द करेंगी जो अपने प्रयासों से यहां तक पहुंची।


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