भाजपा ने फिर जताया भरोसाः महेंद्र भट्ट दोबारा प्रदेश अध्यक्ष, सियासी अटकलों पर लगा ब्रेक

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समाचार सच, देहरादून। उत्तराखंड भाजपा में नेतृत्व को लेकर चल रही तमाम अटकलों को विराम देते हुए पार्टी हाईकमान ने एक बार फिर महेंद्र भट्ट को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप दी है। 1 जुलाई को भट्ट को दूसरी बार यह जिम्मेदारी सौंपी गई, जिससे साफ हो गया है कि भाजपा नेतृत्व सरकार और संगठन के कामकाज से संतुष्ट है और फिलहाल किसी भी बदलाव के मूड में नहीं है।

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उत्तराखंड की राजनीति में क्षेत्रीय और जातीय समीकरण हमेशा से खास भूमिका निभाते रहे हैं। गढ़वाल से आने वाले ब्राह्मण नेता महेंद्र भट्ट को दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने से यह संकेत मिला है कि पार्टी गढ़वाल-कुमाऊं और ब्राह्मण-ठाकुर संतुलन को बरकरार रखते हुए 2027 के चुनाव की तैयारी में जुट चुकी है।

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पार्टी में यह फार्मूला लंबे समय से चला आ रहा है। यदि मुख्यमंत्री कुमाऊं क्षेत्र से ठाकुर होते हैं तो प्रदेश अध्यक्ष गढ़वाल से ब्राह्मण बनाया जाता है। फिलहाल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कुमाऊं से और ठाकुर हैं, जबकि महेंद्र भट्ट गढ़वाल से और ब्राह्मण हैं, जिससे यह समीकरण पूरी तरह फिट बैठता है।

हाल के दिनों में नेतृत्व परिवर्तन और मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाएं तेज थीं। कई मंत्री पद खाली हैं, और अधिकांश विभाग मुख्यमंत्री के पास हैं, लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा था, जिससे अटकलें लगाई जा रही थीं कि भाजपा नेतृत्व बदलाव की तैयारी कर रहा है। लेकिन महेंद्र भट्ट की पुनर्नियुक्ति से यह संकेत स्पष्ट है कि पार्टी नेतृत्व फिलहाल स्थिरता बनाए रखना चाहता है।

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वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह रावत के अनुसार, भट्ट की वापसी यह दर्शाती है कि भाजपा आलाकमान संगठन में किसी बदलाव के पक्ष में नहीं है। वहीं, भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि भाजपा संगठन की चुनाव प्रक्रिया देश में सबसे अलग और अनुशासित है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी महेंद्र भट्ट के दोबारा अध्यक्ष बनने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में पार्टी को निरंतर सफलता मिली है और संगठन का मजबूत विस्तार हुआ है। सामाजिक कार्यकर्ता से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक उनका लंबा राजनीतिक सफर संगठन के लिए प्रेरणादायक है।

फिलहाल स्पष्ट संकेत हैं कि मुख्यमंत्री धामी की कुर्सी फिलहाल सुरक्षित है, और 2027 विधानसभा चुनाव तक नेतृत्व में बदलाव की संभावना कम दिख रही है।

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