समाचार सच, देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सहकारिता आंदोलन को नई ऊर्जा देते हुए सहकारिता मेले का भव्य शुभारंभ हो गया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मेले का उद्घाटन किया और इस अवसर पर महिला सहकारिता समितियों व महिला स्वयं सहायता समूहों को 5-5 लाख रुपये के ब्याजमुक्त ऋण के चेक वितरित किए।
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा साल 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किए जाने के बाद प्रदेश भर में सहकारिता मेलों की श्रृंखला आयोजित की जा रही है। इसी क्रम में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 और उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर देहरादून में इस मेले का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सहकारिता मेला केवल उत्पादों की प्रदर्शनी नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सामूहिक शक्ति, ग्रामीण आत्मनिर्भरता और सामाजिक आत्मसम्मान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सहकारिता भारतीय संस्कृति का मूल तत्व रही है, जहां व्यक्तिगत लाभ से ऊपर समाज का हित रखा जाता है।
सीएम ने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धात्मक दौर में सहकारिता की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है, इसी सोच को वैश्विक मान्यता देते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘सहकार से समृद्धि’ के संकल्प का जिक्र करते हुए कहा कि देश में अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन एक ऐतिहासिक फैसला है, जिसे केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में मजबूती से आगे बढ़ाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सहकारिता सुधारों में देश का अग्रणी राज्य बन चुका है। बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों के कंप्यूटरीकरण की शुरुआत यहीं से हुई और आज प्रदेश की 670 सहकारी समितियां पूरी तरह डिजिटल हो चुकी हैं।
सीएम धामी ने कहा कि जहां पहले किसान दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर था, वहीं आज मोबाइल फोन के जरिए सभी सेवाओं से जुड़ रहा है। उन्होंने इसे कांग्रेस के “कागजी मॉडल” और भाजपा के “जमीनी मॉडल” का अंतर बताया।
अब सहकारी समितियां केवल ऋण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि जन औषधि केंद्रों के जरिए सस्ती दवाइयां, कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में बीमा, पेंशन, बिजली बिल, आधार और डिजिटल सेवाएं भी उपलब्ध करा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत किसानों, महिला स्वयं सहायता समूहों और सहकारी संस्थाओं को ब्याजमुक्त ऋण देकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि महिला सहकारिता समितियों को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे लाखों महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बनकर आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिख रही हैं।


सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें
👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें
हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440



