Offering water to Sun God gives strength, intelligence, sharpness and bravery
समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। हिंदू धर्म में सभी देवताओं का अलग-अलग महत्व बताया गया है। सभी देवी-देवताओं के दिन और उनकी पूजा-पद्धति भी निर्धारित है। रविवार को भगवान सूर्य देव का दिन माना जाता है। सूर्य देव की नित्य पूजा करने से उनकी कृपा सदैव बनी रहती है। सूर्य को सभी ग्रहों का स्वामी भी कहा गया है और यदि जातक की कुंडली में सूर्य देव की कृपा बरस रही है तो जीवन में काफी सुखद बदलाव होते हैं। सूर्य को जल चढ़ाने से तेज और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, लेकिन सूर्य देव को जल अर्पित करते समय हमेशा कुछ बातों की सावधानी जरूर रखना चाहिए। भगवान सूर्य देव को जल चढ़ाने से बल, बुद्धि, ज्ञान, तेज और पराक्रम मिलती है, लेकिन साथ ही इन बातों की सावधानी भी रखनी चाहिए।
कुंडली में सूर्य कमजोर है तो रोज चढ़ाएं जल
यदि कुंडली में सूर्य कमजोर हो तो उसे नियमित रूप से सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। यदि बार-बार प्रयास करने पर भी आपको सफलता नहीं मिल रही है तो सूर्य देव की पूजा के साथ जल चढ़ाना शुभ माना जाता है। सूर्य देव की नियमित पूजा और जल चढ़ाने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। इससे व्यक्ति का मन शांत रहता है। खुद को ऊर्जावान महसूस करता है। सूर्य पूजा करने से व्यक्ति की बुद्धि का विकास होता है। अहंकार और क्रोध का नाश होता है। सुख-समृद्धि आती है।
सूर्य को जल अर्पित करते समय ये रखें सावधानी
- ज्योतिष के मुताबिक सूर्य को जल चढ़ाते समय हमेशा तांबे के बर्तन में जल अर्पित करें।
- तांबे के बर्तन में जल के साथ फूल, कुमकुम और अक्षत डालना शुभ होता है।
- मुख हमेशा पूर्व दिशा में होना चाहिए।
- सूर्य देव को जल अर्पित करते समय को जल जूते-चप्पल नहीं पहनने चाहिए।
- सूर्य को जल चढ़ाते समय गिरती हुई धारा में सूर्य देव की किरणों को देखना शुभ होता है।


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