समाचार सच, हल्द्वानी। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता बल्यूटिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि पीसीसीएफ की अध्यक्षता में अनुश्रवण समिति की बैठक में देव रामपुर और लालकुआँ खनन निकासी गेट के बीच हाथी कॉरिडोर के 2.4 किलोमीटर के क्षेत्र में खनन की अनुमति खनन प्रेमी सरकार का रेता, बजरी व आरबीएम से प्रेम की मानसिकता उजागर करती है। उनका कहना था कि अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ द्वारा हाथी को विलुप्त होने वाली प्रजाति (एंडेंजर्ड प्रजाति) में सम्मिलित किया गया। एलिफ़ेंट कॉरिडोर्स के खत्म होने से वनों के साथ-साथ हाथी संरक्षण को भी ख़तरा है।
यहां अपने पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए दीपक बल्यूटिया ने एलीफ़ेंट कोरिडोर हाथी का मौलिक अधिकार बताया। उन्होंने कहा कि हाथी का वजन 4 से 5 टन तक हो सकता है और जिसे 200 से 300 किलो प्रतिदिन चारे की आवश्यकता होती है जिसके लिए बड़े वन क्षेत्र की आवश्यकता है। हाथी का अनुवांशिक गुण है कि वह कभी भी उसके जन्म के परिवार के भीतर प्रजनन नहीं करता है। प्रजनन व भोजन के लिए हाथी एक वन से दूसरे वन मैं एलीफेंट कॉरिडोर के द्वारा जाते हैं। हाथी कॉरिडोर में खनन से हाथी प्रजनन व भोजन के लिए एक वन से दूसरे वन नहीं जा सकेंगे जिससे विलुप्त होने वाली प्रजाति (एंडेंजर्ड प्रजाति) के ऊपर अस्तित्व का संकट उत्पन्न हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि जो भी खनन स्वीकृति दी जाती है वह वन्य जीव कॉरिडोर को छोड़ कर दी जाती है मगर सरकार के खनन प्रेम ने सारे नियम ताक में रखकर हाथी कॉरिडोर में ही खनन की अनुमति दे दी। उनका कहना है कि सरकार को जनमुद्दों से कोई सरोकार नहीं है।


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