समाचार सच, देहरादून/नई दिल्ली (एजेन्सी)। पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के ट्वीट के बाद पिछले दो दिनों से कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में हड़कंप मचा हुआ है। हरीश रावत का ट्वीट पार्टी में बगावत की तरह देखा जा रहा है। हालांकि ट्वीट के तुरंत बाद हरकत में आई पार्टी ने रावत से बात की और उन्हें तुरंत दिल्ली तलब किया। उनके साथ प्रदेश के दो वरिष्ठ पदाधिकारियों को भी दिल्ली बुलाया गया है।
उत्तराखंड में 2022 की शुरूआत में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस महासचिव हरीश रावत द्वारा बुधवार को संगठन पर उनके साथ असहयोग करने का आरोप लगाए जाने के बाद पार्टी के समक्ष नया संकट पैदा हो गया है। प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर कर खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं और जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथकृपांव बांध रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मन में बहुत बार विचार आता है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है।’’ हालांकि, रावत ने कहा कि फिर उनके मन के एक कोने से आवाज उठ रही है कि “न दैन्यं न पलायन्।”
उन्होंने कहा, ‘‘बड़ी उहापोह की स्थिति में हूं, नया साल शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।’’ ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ द्वारा देहरादून में आयोजित एक कानक्लेव में उनके ट्वीट के बारे में पूछे जाने पर रावत ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि कौन लोग उनसे मुंह फेर रहे हैं लेकिन उन्होंने ‘मगरमच्छों’ वाली टिप्पणी पर खुल कर बात की।
उन्होंने कहा, ‘‘देश के गृहमंत्री (अमित शाह) जब यहां आते हैं, मुझे चेतावनी देकर जाते हैं कि ज्यादा बोलेगा तो सीबीआई खड़ी है और तुम पर मुकदमा है। वह मुझे किसी के द्वारा किए गए स्टिंग की याद दिलाते हैं। लेकिन जिस तरह का स्टिंग किया गया वह महापाप है। लेकिन उस महापाप से न केवल सत्ता जुड़ी बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से मुझे धमकी भी देकर गयी।’’
रावत ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग आदि सब मगरमच्छ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राजनीति के समुद्र में राजनीतिक विरोधियों को निगलने के लिए सत्ता ने ये मगरमच्छ छोड़ रखे हैं।’’
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