समाचार सच, गैरसैंण। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कांग्रेस को भले ही बड़ा झटका दिया, लेकिन कांग्रेस अभी भी इस मुद्दे को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। कांग्रेस का कहना है कि घोषणा करने और बजट सत्र आयोजित करने मात्र से राजधानी बनाने का मकसद पूरा नहीं होता। पार्टी जब सत्ता में आएगी तो गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करेगी। गैरसैंण को बीते वर्ष बजट सत्र के दौरान ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की थी। इस घोषणा से उन्होंने गैरसैंण के मसले पर लंबे समय से हो रही राजनीति को एक प्रकार से विराम दे दिया था। इससे सबसे ज्यादा झटका कांग्रेस को लगा, लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहती। कांग्रेस के विधायक व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सत्र आयोजित कर भीड़ जरूर एकत्र कर ली है लेकिन इससे आंदोलनकारियों की राज्य बनाने की मंशा पूरी नहीं हो पाई है। यह तभी पूरी होगी जब गैरसैंण स्थायी राजधानी बनेगी। अभी यहां पूरी तरह ढांचागत विकास नहीं हुआ। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इस दिशा में कदम आगे बढ़ाए थे। विचार चल रहा था कि सारे आवास बनाने व सुविधाएं विकसित करने के बाद इसे स्थायी राजधानी बनाया जाएगा। इस बीच सरकार बदली तो नई सरकार ने इसे ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा कर दी। यह अच्छी बात है। अफसोस यह है कि घोषणा करने के बाद भी यहां सरकार नहीं बैठ रही है। यहां सरकार द्वारा सात माह, यानी मार्च से सितंबर तक बैठकर जब तक कार्य नहीं किया जाएगा, तो राजधानी की अवधारणा पूरी नहीं होगी। केवल सत्र चलाने से कुछ नहीं होगा। उप नेता प्रतिपक्ष करण माहरा ने भी कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाना एक राजनीतिक निर्णय है मगर यहां स्थायी राजधानी बनाई जानी चाहिए। सुविधाएं बढाई जानी चाहिए। यहां जब स्थायी राजधानी बनेगी, तब ज्यादा खुशी होगी।
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