धामी कैबिनेट की बैठक हुई खत्म, इन 20 बड़े फैसलों पर लगी मुहर

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समाचार सच, देहरादून। धामी कैबिनेट की बैठक आज समाप्त हो गई है। कैबिनेट बैठक मे कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए जिसमें 20 मामले आएं हैं। कैबिनेट मे सचिवालय प्रशासन के मामले मे सचिवालय सुरक्षा सेवा नियमवली क़ो लेकर संशोधन किया गया हैं।

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गृह विभाग के बंदियों के 15 दिनों का पैरोल अब जिला अधिकारी दें सकेंगे, बीमारी, घर निर्माण के लिए भी पैरोल 12 माह के लिए होगा। उद्योग विकास 5 सड़को क़ो मेंटेन कर रहा था अब लो नि वी क़ो हस्ताँतरित किया गया हैं उधमसिंहनगर की हैं सड़के। यूनिवर्सिटी ऑफ़ इंजिनियरिंग रुड़की का नाम अब कोर यूनिवर्सिटी होगा। 20 आईटीआई क़ो मॉडल आईटीआई बनाया जाएगा। परिवहन विभाग शहरी इलाकों मे सिटी बसों के मोटर यान कर मे शत प्रतिशत छूट पहाड़ी इलाकों मे 75 प्रतिशत छूट। निशक्त जनो क़ो स्टाम्प शुल्क मे 25 प्रतिशत की छूट का प्रावधान जमीन खरीदने के लिए लेकिन केवल 2 बार ही ये इसका लाभ लें सकेंगे।

रेलवे विभाग की जमीनों क़ो लेकर भी संशोधन किया गया हैं अब उनकी जमीनों मे राज्य के नियम आड़े नहीं आएंगे। ऊर्जा विभाग की नई नवीन जल विधुत नीति हुई। पर्यटन विभाग मास्टर प्लान अब प्छप् संस्था जागेश्वर और महासू देवता का मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। विधानसभा का सत्र अवसन की अनुमति दे दी गई है।

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कैबिनेट मे लोजिस्टिक पालिसी लाई गई वेयर हॉउस के निर्माण क़ो लेकर समेत तमाम बुनियादी सुविधाओं क़ो लेकर नीति आई।

अगर इन पर रोक नहीं लगाई गई, तो जल्द ही भारत में हिंदू अल्पसंख्यक हो जाएंगे। सांसद ने कहा कि देश में काला जादू, अंधविश्वास,चमत्कार आदि के जरिये जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाएं हर हफ्ते सामने आती हैं तथा एक भी जिला ऐसा नहीं है,जो धोखाधड़ी व धमकी से हो रहे धर्मांतरण से मुक्त हो।

सांसद राज्य सभा नरेश बंसल ने संसद मे कहा कि धर्म की आजादी हो सकती है, लेकिन जबरन धर्म परिवर्तन की कोई स्वतंत्रता नहीं है। सासंद बंसल ने सदन का ध्यान आकर्षित किया कि आदिवासी बहुल इलाकों में ऐसे धर्मांतरण बहुतायत में होते हैं तथा उन्हें पता ही नहीं होता कि उनके साथ क्या हो रहा है और ये सब मदद के नाम पर होता है।

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सांसद राज्य सभा नरेश बंसलने कहा कि मुद्दा किसी एक जगह से जुड़ा नहीं है, बल्कि पूरे देश की समस्या है जिस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। सांसद ने सदन मे कहा कि फिलहाल देश में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कोई कानून नहीं है, लेकिन उत्तराखंड समेत कई राज्यों में इसे लेकर कानून है।

भारत के पड़ोसी देशोंपाकिस्तान, नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका और भूटान में में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून हैं। सांसद ने कहा कि संसद में 3 बार हुए धर्मांतरण क़ानून पास कराने की कोशिश हो चुकी है तथा 2015 में तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष व अभी के माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने राष्ट्रव्यापी स्तर पर धर्मांतरण निरोधक कानून बनाने पर जोर दिया था।

सासंद राज्य सभा नरेश बंसल ने सरकार से मांग करते हुए इसे एक बेहद गंभीर मामला बताया व बताया कि फिलहाल भारत देश में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कोई कानून नहीं है, इसलिए देशव्यापी कानून बनाने के लिए तुरंत आवश्यकता है।

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