कलह-क्लेश और खराब सेहत, दूर करेंगे ये 5 टिप्स

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। घर की परेशानियां खत्म ना होना, कलेह-कलेश या पैसों की किल्लत रहती है तो इसका कारण वास्तुदोष हो सकता है। जी हां, वास्तुदोष के कारण उस घर में रहने वाला व्यक्ति तमाम तरह के रोग, तनाव, कलह और कर्ज से घिर जाता है। चलिए आज म आपको बताते हैं कि घर के वास्तुदोष को कैसे पहचाने और इसे दूर करने के उपाय।

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परिवार में क्लेश होना
अगर परिवार के सदस्यों में अचानक और बेवजह झगड़े होने लग जाए तो समझ ले आपके घर में वास्तुदोष है। इतना ही नहीं, कपल्स के बीच बेवजह लड़ाई- झगड़े का कारण भी वास्तुदोष ही होता है। इस वास्तुदोष को दूर करने के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा में पानी ना रखें। साथ ही इस दिशा में रसोईघर भी नहीं बनवाना चाहिए। इससे भी वास्तुदोष बढ़ता है।

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सेहत में गिरावट
अगर घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा नीची हो तो इससे परिवार के सदस्यों की सेहत खराब रहती है। ऐसे में इस वास्तुदोष को दूर करने के लिए दक्षि -पश्चिम दिशा को कभी खाली ना छोड़ें। साथ ही पानी की टंकी को भी साफ रखें क्योंकि इससे भी परिवार की सेहत पर असर पड़ता है।


फिजूल खर्चे का बढ़ना
सेविंग्स करने के बाद भी फिजूल खर्च बढ़ गए है तो यह वास्तुदोष का संकेत हो सकता है। वास्तु के अनुसार, उत्तर दिशा में गंदगी होने के कारण फिजूलखर्ची बढ़ती है। ऐसे में जरूरी है कि इस दिशा को साफ रखें और वास्तुदोष दूर करने के लिए यहां श्रीयंत्र रखें। इसके अलावा घर के सामने बेलदार पत्तियां लगाने से भी पैसों की किल्लत दूर होगी।

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संतान प्राप्ति में बाधा
घर की पूर्व दिशा का वास्तुदोष संतान प्राप्ति में बाधा बन सकता है। इस दिशा में टॉयलेट, बाथरूम या घर के सामने कोई बड़ा पेड़ नहीं होना चाहिए। साथ ही इस दिशा में रोशनी पर्याप्त मात्रा में ना होने से भी घर में वास्तु दोष उत्पन्न होता है। इसे दूर करने के लिए मेन गेट पर सिंदूर से ऊँ लिखें।


उदास रहना
अगर उत्तर पूर्व दिशा में वास्तुदोष होने पर घर के सदस्य उदास और परेशान रहने लगते हैं। यह दिशा ज्ञान, मान-सम्मान और तेज प्रदान करती है। ऐसे में इसके वास्तुदोष को दूर करने के लिए ईशान कोण में पूजा-पाठ करवाते रहना चाहिए। साथ ही घर के मुख्य द्वार को सुंदर और दोष रहित रखें।

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