हल्द्वानी के बनभूलपुरा बवाल पर dm ने दी पूरी जानकारी, कहा-राज्य व कानून को चुनौती देने का प्रयास था

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समाचार सच, हल्द्वानी। जिलाधिकारी वंदना सिंह ने गुरुवार को हुई कार्रवाई पर बोलते हुए 2 लोगों की मृत्यु की पुष्टि की।

यहां आज शुक्रवार को नगर निगम कार्यालय में पत्रकार वार्ता डीएम ने बताया कि बिना उकसावे की कार्रवाई के अधिकारियों को थाने में जिंदा जलाने की कोशिश की गयी। अभी हल्द्वानी में स्थितियां नियंत्रण में हैं। शहर में 1100 पुलिस कर्मी तैनात हैं। कर्फ्यू अगले आदेश तक जारी है। यह घटना कानून एवं राज्य को चुनौती थी, हमला था। एसएसपी ने कहा कि 4 उपद्रवी उनके कब्जे में हैं। ढाई घंटे के भीतर पूरे मामले को नियंत्रित कर लिया गया।

डीएम वंदना सिंह ने बताया कि पहले से लगातार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई चल रही थी। कई दुकानें भी हटाईं। लेकिन तब कोई विरोध नहीं हुआ। इस मामले में उच्च न्यायालय जाने का भी समय दिया गया। वहां से भी कोई राहत नहीं मिलने के बाद कार्रवाई हुई। प्रशासन की कार्रवाई में किसी का घर नहीं टूटा, कोई बेघर नहीं हुआ। वहां कोई धार्मिक स्थल नहीं था। नजूल भूमि पर अतिक्रमण था। भीड़ उसे बचाने की कोशिश नहीं कर रही था बल्कि प्रशासनिक मशीनरी पर हमला करने की कोशिश थी। कोई कम्युनल विरोध नहीं था। राज्य व कानून को चुनौती देने का प्रयास था। हल्द्वानी की कानून व शासन व्यवस्था को बनाये रखना उनकी प्राथमिकता है।

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डीएम ने यह भी बताया कि यह एक सुनियोजित हमला था। 30 जनवरी को वहां घरों की छतों पर पत्थर नहीं थे। आधे घंटे के भीतर नगर निगम की टीम पर बिना उकसावे के पथराव किया गया। उन्हें शांत किया तो दूसरी भीड़ ने पेट्रोल बमों से हमला किया। इसके बाद भी टीमें नहीं हटीं। इस पर थाने का घेराव किया गया। थाने में पूरी मशीनरी पर हमला किया गया। वहां अधिकारी मौजूद थे। उन पर पथराव व पेट्रोल बमों से हमला किया गया। बाहर वाहन फूंक दिये गये। इससे थाने में धुंवा भर गया।

इस पर उपद्रवियों को बल प्रयोग की चेतावनी दी गयी व आग बुझाने को पानी की बौछार की। इसके बाद भी भीड़ नहीं हटी तो थाने पर हथियारों से हमला किया गया। अधिकारियों की सुरक्षा के लिये, खुद को बचाने के लिये कमर से नीचे गोली मारने के आदेश दिये गये। यहां से भीड़ को हटाया गया तो भीड़ गांधीनगर क्षेत्र में हमला करने लगी। वहां सभी धर्मों के लोग रहते हैं। वहां रहने वाले लोगों को भयग्रस्त करने की कोशिश की गयी। तब तक पीएसी व अतिरिक्त पुलिस बल आ गये थे। वहां भी बिना अतिरिक्त बल प्रयोग किये उन्हें शांत किया गया।

पुलिस ने काफी धैर्य बरता। हल्द्वानी के वनभूलपुरा को छोड़कर अन्यत्र कोई घटना न घटित हो, । अन्य क्षेत्रों में कोई प्रतिक्रियात्मक घटना नहीं की। उकसावे में नहीं आई। इसके लिये जनता का धन्यवाद दिया। डीएम ने कहा कि जितना समय दिया जाता, उतना और जनहानि की संभावना बढ़ती। यह भी कहा कि यह इंटेलीजेंसी फेलर नहीं था। अतिक्रमण हटाने की पूरी तैयारी थी। किसी युद्ध की तैयारी नहीं थी।

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2-ढाई घंटे में सब कुछ नियंत्रित किया गया। थाने में अधिकारी फंस गये थे। उनकी रक्षा के लिये ही अतिरिक्त बलों की जरूरत पड़ी। अन्य जगह नहीं। यह तैयारी थी। बाहर से कोई भी नहीं आया। इसकी भी तैयारी की गयी थी। यह भी कहा कि पुलिस कर्मचारियों से सीधे उपद्रवियों का आमने सामने मुकाबले नहीं हुआ।

बताया कि इस घटना में 2 लोगों की मृत्य हुई है। जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए है। एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया, अभी हल्द्वानी में 1100 पुलिस कर्मचारी तैनात हैं। जांच की जा रही है कि मौत किसी हथियार से हुई। 4 उपद्रवी कब्जे में हैं। 15-20 लोग भड़काने वाले के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। इनसे वसूली की जाएगी। उदाहरण प्रस्तुत किया जाएगा कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति फिर न हो। अगले तीन घंटों में कार्रवाई की जाएगी। यह भी कहा कि कोई भी पुलिस कर्मी, अधिकारी नरे स्तर पर घायल नहीं हुआ है।

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