समाचार सच. अध्यात्म डेस्क। 1. सूर्य के कारण पीड़ा आ रही हो तो रात्रि में एक तांबे के बर्तन में जल भ्ज्ञरकर उसमें मंजीठ, केसर, मैनसिल, इलायची, लाल पुष्प तथा लाल चंदन मिलाकर खुली हवा में रख दें तथा अगले दिन सुबह नहाने के जल में इस जल को मिलाकर स्नान करने से सूर्य अनुकूल होते हैं। त्वचा विकार, सिरदर्द, नेत्र विकार आदि से राहत मिलती है।
- चंद्रमा की कमजोरी से पीड़ा आ रही हो तो चांदी के लोटे या कलश में अथवा शंख में जल भरकर खस, शिरस, केसर, श्वेत चंदन मिलाकर रात को खुली हवा में रख दें तथा अगले दिन सुबह इसे पानी में लिाकर नहाने से चंद्रमा अनुकूल होते हैं। जलोदर रोग, सर्दी, जुकाम, कफ रोग, दमा, नेत्र विकार तथा मनोरोगों में इससे लाभ होता है।
3.मंगल यदि प्रतिकूल हों तथा क्रोध, उद्वेग, झगड़ा, वाद-विवाद चोट आदि लगती रहती हो तो किसी चांदी के लोटे या कलश में रात को जल भरकर उसमें खैर व देवदारू वृक्ष की लकड़ी का टुकड़ा, बिल्व वृक्ष की छाल, लाल चंदन, लाल पुष्प, माल कंगनी तथा मौलसिरि इन वस्तुओं को डालकर, लोटे को खुली हवा में ढककर रख दें तथा सुबह इस औषधि युक्त जल को पानी में मिलाकर स्नान करने से मंगल अनुकूल होते हैं। - बुध यदि पीड़ादायक हो तो किसी मिट्टी के कलश में जल भरकर उस जल में थोड़ा-थोड़ा गोरोचन, शहद, कोई एक फल, चावल, दो या तीन नदियों के संगम का जल मिलाकर रात में रख लें तथा सुबह इसे पानी में मिलाकर स्नान करें। इससे बुध अनुकूल होते हैं। जिन्हें किसी तरह की एलर्जी की परेशानी है, त्वचा के रोग या खाज-खुजली की समस्या रहती है उन्हें इससे लाभ होता है।
- बृहस्पति के कारण जिनका स्वास्थ्य खराब रहता है, मोटापे या कॉलेस्ट्राल बढ़ने से परेशान हैं वे सोने के या पीतल के लोटे में जल भरकर उसमें गूलर का फूल, बेल फल, वट वृक्ष का फल, आंवला, शहद, श्वेत, सरसों तथा मुलहटी मिलाकर रात्रि में उस पात्र को खुली हवा में रख दें तथा सुबह इस जल से स्नान करें।
- शुक्र प्रतिकूल हो तो किसी चांदी के लोटे में जल भरकर उसमें गोरोचन, हस्तिमद, सौंफ, शतावरी, इलायची, मैनसिल तथा केसर मिलाकर रात को रख लें तथा सुबह स्नान करें तो शुक्र ग्रह अनुकूल होते हैं। डायबिटीज, गुप्त रोंगों में इससे लाभ होता है।
- शनि के लिए किसी लोहे के बत्रन में जल भरकर उसमें तिल, उड़द, कंगनी, सौंफ, सुगंधि तथा सुगंधित पुष्प डालकर रख लें तथा सुबह इससे स्नान कर लें। इससे शनिदेव अनुकूल होते हैं। भूख की कमी, कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, थकान, आलस्य जैसे रोंगों में इससे आराम मिलता है।
- राहु के लिए किसी कांच के बत्रन में गूगल, हींग, हरताल, मैनसिल, कस्तूरी इन सभी को जल में मिलाकर रात में रख लें, सुबह स्नान करें तो राहु ग्रह संबंधी पीड़ाओं से छुटकारा मिलता है।
- केतु ग्रह यदि पीड़ित हों तो किसी कांच के बत्रन में जल भरकर, उसमें किसी पर्वत की चोटी वाले स्थान की माटी, बकरी का दूध, गूगल, हाथी दांत डालकर खुली हवा में रखें सुबह स्नान कर लेवें।

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