-शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित कार्यक्रम में दर्जनों शिक्षक-शिक्षिकाऐं हुए श्री पुरुषोत्तम मेलकानी स्मृति शिक्षक सम्मान से सम्मानित
-कार्यक्रम में महासंघ के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ओमपाल सिंह ने मुख्य वक्ता के रूप में किया शिक्षकों को ओतप्रोत
समाचार सच, हल्द्वानी। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ओमपाल सिंह ने कहा कि शिक्षक वर्ग शैक्षिक उन्नयन और सामाजिक सरोकार में मार्गदर्शक कि भूमिका निभाएं। शाश्वत जीवन मूल्यों को पुनः प्रतिस्थापित करने की आवश्यकता है। उनका कहना था कि भारतीय दर्शन के डॉ राधा कृष्णन के विचारों को नई शिक्षा निति में आत्मसात करनें कि आवश्यकता है। भारतीय जीवन मूल्यों से ही नई पीढ़ी और नये भारत का निर्माण संभव है।
श्री सिंह गुरूवार को कालाढूंगी रोड स्थित जीजीआईसी सभागार महासंघ द्वारा आयोजित शिक्षक दिवस पर श्री पुरुषोत्तम मेलकानी स्मृति शिक्षक सम्मान समारोह में बतौर मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा की शिक्षा के पाठ्यक्रमों में संस्कार, नैतिकता, राष्ट्रीयता एवं मानवता को शामिल कर ही भारत विश्व का मार्गदर्शन कर सकता है। सम्मान से उत्तरदायित्व बढ़ जाता है सम्मान के अनुरूप कार्य करने की।
मुख्य अतिथि के रूप में कुमायूं के पुलिस महानिरीक्षक जगत राम जोशी ने कहा कि शिक्षक छात्रों के लिए रोल मॉडल होतें है जो समाज को दिशा देतें है। वर्तमान में व्यावसायिकता के साथ ही मूल्यपरक शिक्षा देने की आवश्यकता है जिससे छात्र समाज में रचनात्मक भूमिका का निर्वाह कर सकें।
विशिष्ट अतिथि समाजसेवी गिरीश मेलकानी ने कहा की शिक्षक पीढ़ियों को तराशने का कार्य करतें है। संकीर्णताओं -रूढ़ियों को तिलांजलि देकर ही नए भारत का निर्माण संभव है। संकल्प से सिद्धि कार्यक्रम का प्रभावी क्रियान्वयन शैक्षिक तंत्र से ही संभव है।
अध्यक्षता करते हुए महासंघ के अध्यक्ष प्रो0 विजय पांडेय ने कहा कि पाठ्य पुस्तकांे में राष्ट्रीय और सांस्कृतिक मूल्य बोध से प्रेरित सामग्री का सजगता पूर्वक समावेश किया जाना चाहिए। हम सभी अपनी प्रतिभा क्षमता देश के सर्वांगीण उन्नति में लगायें तभी राधाकृष्णन जी के सपनों को साकार किया जा सकता है। सरकार शिक्षकों के प्रति अपनी भूमिका का निर्वहन पारदर्शी तरीके से करे।
महासंघ के उपाध्यक्ष बसंत बल्लभ जोशी और कोषाध्यक्ष कृष्ण चन्द्र बेलवाल ने मुख्यअतिथि एवं समस्त आगुन्तकों का आभार व्यक्त करते हुए शैक्षिक महासंघ की स्थापना के समय की परिस्थितियों का जिक्र किया। उन्होंने बताया की यह स्वाध्याय -स्वावलम्बन एवं सम्मान की परिकल्पना लेकर चलने वाला यह शिक्षकों का यह संगठन वेतन-भत्ते, सेवाशर्ताे के साथ -साथ अपने राष्ट्रीय लक्ष्य तथा सामाजिक सरोकार की योजना को क्रियान्वित कर रहा है।
कार्यक्रम में श्री पुरुषोत्तम मेलकानी स्मृति शिक्षक सम्मान से प्राथमिक-माध्यमिक और उच्च शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों को अतिथियों द्वारा स्मृतिचिन्ह एवं अंगवस्त्र द्वारा सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाले शिक्षकों में माध्यमिक संवर्ग से उमा जोशी, चंर्द्शेखेर मिश्रा, श्रीमती आशा बिष्ट, दीप चन्द्र सती, सुशील मोहन तिवारी, श्रीमती संगीता बिष्ट, वी के जोशी, गिरीश चन्द्र त्रिपाठी, श्रीमती गीतिका बल्यूटीया, अमर सिंह बिष्ट, श्रीमती मिरा मिश्रा, प्राथमिक संवर्ग से श्रीमती कविता तिवाड़ी, ममता गुप्ता, बबीता पाठक, भावना पांडेय, हेमा जोशी, रमेश चन्द्र रौतेला, रमेश चन्द्र आर्य और उच्च शिक्षा संवर्ग से कुमायूं विश्वविद्यालय अल्मोड़ा कैंपस के प्रो एन डी कांडपाल, पंतनगर विश्वविद्यालय के प्रो संजय कुमार और कोटबाग के उप शिक्षा अधिकारी अमित चंद्र शामिल थे।
कार्यक्रम का संचालन विपिन पाण्डेय और आभार ज्ञापन संयोजिका डॉ तनूजा मेलकानी ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से महासंघ के सहसंगठन मंत्रि शिव नारायण, एच बी पाण्डेय, राजेंद्र सिंह चौहान, बिपिन चन्द्र पाण्डेय, ललित मोहन धपोला, डॉ गौरव वार्ष्णेय, भारत भूषण चुघ व डॉ हरनाम सिंह सहित विभिन्न विद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षक उपस्थित थे।
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