समाचार सच, देहरादून। ऊर्जा निगमों में छुट्टियों पर रोक के आदेश पर कार्मिकों के तेवर तल्ख हो गए हैं। उत्तराखंड विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने इसे उत्पीड़न करार देते हुए कार्मिकों की आवाज को दबाने का प्रयास बताया। साथ ही विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन जारी रखते हुए प्रस्तावित हड़ताल पर अडिग रहने का एलान किया है।


उत्तराखंड विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा की कार्यकारिणी की आनलाइन बैठक आयोजित हुई। जिसकी अध्यक्षता अमित रंजन व संचालन संयोजक इंसारूल हक ने किया। वक्ताओं ने कहा कि मोर्चा की जायज मांगों के निस्तारण के बजाय आंदोलन के प्रति दुर्भावनापूर्ण उत्पीड़न की कार्रवाई की जा रही है। मोर्चा ने विद्युत संविदा संगठन के अध्यक्ष विनोद कवि को प्रबंधन की ओर से व्यक्तिगत तौर पर परेशान करने का आरोप लगाया। उन्घ्होंने कहा कि किसी भी सदस्य का उत्पीड़न किए जाने की स्थिति में आंदोलन या हड़ताल तत्काल प्रारंभ कर दी जाएगी। मोर्चा की ओर से अवकाश वाले दिन कार्यालय खोलने के आदेश को वित्तीय संसाधनों की बर्बादी और उत्तराखंड सरकार पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डालने वाला बताया।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के बिजली निगमों के कर्मचारियों की जो समस्याएं हैं, उनका कोई भी आर्थिक भार वर्तमान में उत्तराखंड सरकार पर नहीं आना था, लेकिन आंदोलन को दबाने एवं अनावश्यक वैकल्पिक व्यवस्था बनाने के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। आरोप लगाया कि निगम प्रबंधन ऊर्जा मंत्री और मुख्यमंत्री को गुमराह कर रहे हैं। मोर्चा ने मांगें पूरी न होने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है।

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