इन वजहों से हमेशा करना पड़ता है धन की कमी का सामना

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समाचार सच. अध्यात्म डेस्क। पैसों की कमी: वास्तुदोष घर में हमेशा बीमारियां, तनाव और धन की कमी का कारण हो सकता हैं। इन सभी के कारण आप परेशान रहने लगते हैं और अपने लक्ष्य में फोकस नहीं कर पाते। यही वजह है कि परिवार के सदस्यों को धन की हानि होती है और घर में नकारात्मक ऊर्जा का हमेशा वास हो जाता है।
इसके अलावा शास्त्रों में भी कुछ आदतों के बारे में बताया गया है जिनसे महा लक्ष्मी की कृपा नहीं मिलती है। अपनी इस तरह की कुछ आदतों में सुधार करके हम आपने घर को नकारात्मक ऊर्जा से बचा सकते हैं।
ऐसे ही कुछ बातें:
बड़ों का अपमान करना: जो लोग बड़ों का अपमान करते हैं और उनके साथ बुरा व्यवहार करते हैं उन लोगों को मां लक्ष्मी की कृपा नहीं मिलती है। शास्त्रों में कहा गया है कि बड़ों का सम्मान करने वालों की जिंदगी में हमेशा उन्नति मिलती है। लेकिन जो लोग बड़ों के साथ गलत व्यवहार करते हैं ऐसे लोग हमेशा जिंदगी में परेशानियों का सामना करते रहते हैं।
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किचन का गंदा रहना: जिन लोगों का किचन गंदा रहता है उन लोगों की कुंडली में ग्रह दोष होते हैं। कहा जाता है कि किचन को साफ-सुथरा रखना चाहिए और रात को झूठे बर्तन नहीं छोड़ने चाहिए. इससे घर में बरकत आती है।
बेड में गंदी चादर और अव्यवस्थित बिस्तर: अगर घर का बेड हमेशा अव्यवस्थित रहता है और चादर गंदी रहती है तो कहा जाता है कि घर में वास्तु दोष आ जाता है। इसके कारण घर में तनाव तो रहता ही है साथ ही घर में बरकत भी नहीं होती।
इधर-उधर फेंके हुए जूते: जूतों को घर में इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए।
इसके अलावा बाहर के जूतों को घर में नहीं पहनना चाहिए। घर में पहनने के लिए अलग से जूते होने चाहिए। कहा जाता है कि बाहर के जूते घर में पहनने से घर में वास्तु दोष आता है। इसके अलावा घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और घर में पैसों की कमी होने लगती है।
धन कमाने की इच्छा हर मन में होती है। लेकिन मनचाहा पैसा कमाने के बाद भी अगर पैसा टिकता नहीं है तो हमें अपनी दिनचर्या पर ध्यान देना चाहिए। छोटी-छोटी बातें हमारे संस्कार के रूप में भी आदतों में शामिल होनी चाहिए। यह उपाय टोटके नहीं है बल्कि बुजुर्गों के अनुभवों से प्राप्त उपयोगी संकलन है। अगर पर्याप्त पैसा कमाने के बाद भी धन संचय नहीं हो रहा हो, तो काले कुत्ते को प्रत्येक शनिवार को कड़वे तेल (सरसों के तेल) से चुपड़ी रोटी खिलाएं। क्या ना करें- शाम के समय सोना, पढ़ना और भोजन करना निषिद्ध है। सोने से पूर्व पैरों को ठंडे पानी से धोना चाहिए, किंतु गीले पैर नहीं सोना चाहिए। इससे धन का नाश होता है।
रात में चावल, दही और सत्तू का सेवन करने से लक्ष्मी का निरादर होता है। अतरू समृ(ि चाहने वालों को तथा जिन व्यक्तियों को आर्थिक कष्ट रहते हों, उन्हें इनका सेवन रात के भोजन में नहीं करना चाहिए।
भोजन सदैव पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके करना चाहिए। संभव हो तो रसोईघर में ही बैठकर भोजन करें इससे राहु शांत होता है। जूते पहने हुए कभी भोजन नहीं करना चाहिए
सुबह कुल्ला किए बिना पानी या चाय न पीएं। जूठे हाथों से या पैरों से कभी गौ, ब्राह्मण तथा अग्नि का स्पर्श न करें।
घर में देवी-देवताओं पर चढ़ाए गए फूल या हार के सूख जाने पर भी उन्हें घर में रखना अलाभकारी होता है।
अपने घर में पवित्र नदियों का जल संग्रह कर के रखना चाहिए। इसे घर के ईशान कोण में रखने से अधिक लाभ होता है।
तिजोरी में हम अपना पैसा, आभूषण और अन्य बेशकीमती वस्तुएं रखते हैं। अतरू यह जगह बहुत ही पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होनी चाहिए, जिससे घर में बरकत बनी रह सके और पैसों की कभी कमी न आए। यदि तिजोरी के आसपास नकारात्मक शक्तियां सक्रिय हों तो उस घर में पैसों कमी रहेगी। धन में बरकत बनाए रखने के लिए शास्त्रों में कुछ उपाय बताए गए हैं। तिजोरी हमेशा धन से भरी रहे, धन की देवी महालक्ष्मी की कृपा सदैव आप पर बनी रहे, इसके लिए एक छोटा सा उपाय अपनाएं। शास्त्रों के अनुसार श्रीगणेश रिद्धि और सिद्धि के दाता है। कोई भी भक्त नित्य श्रीगणेश का ध्यान करता है तो उसे कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं सताती। श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय हैं। प्रतिदिन गणेशजी की विधिवत पूजा करें। पूजन में गणेशजी के प्रतीक स्वरूप सुपारी रखी जाती है। पूजा में उपयोग की गई सुपारी में श्रीगणेश का वास होता है।
बस यही सुपारी पूजा पूर्ण होने के बाद अपनी तिजोरी में रख दें। इस सुपारी को तिजोरी में रखने से तिजोरी के आसपास सकारात्मक और पवित्र ऊर्जा सक्रिय रहेगी जो नकारात्मक शक्तियों को दूर रखेगी।

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