किसान नेता बाजवा ने कहा, देश के पीएम कृषि कानून पर बोलते हैं झूठ

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समाचार सच, हल्द्वानी। तीन कृषि कानूनों के कारण देश के कॉरपोरेट व बहुराष्ट्रीय निगमों को कृषि उत्पाद ही नहीं बल्कि अंडा, मांस, मछली व दूध भी गोदामों में भर कर रखने की खुली छूट मिल गयी है। कानून में सरकार ने लिख दिया है कि देश में 50 से 100 प्रतिशत तक महंगाई बढ़ने पर भी सरकार कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। इन कानूनों की सच्चाई उजागर करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा गाजीपुर बार्डर ने इन कानूनों में काला क्या है मोदी को बताओ पर्चा जारी किया है। यह बात यहां पत्रकारों से वार्ता करते हुए किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कही।

उन्होंने आरोप लगाया कि देश के प्रधानमत्री सब कुछ जानते हुए भी लोकसभा में झूठ बोलते हुए इन कानूनों को किसान हित में बता रहे हैं। कहा कि 11 दौर की वार्ता के बाद ससोधनों पर राजी होने के बाद भी सदन में बोलते हैं कि हमें अभी तक यह नहीं बताया गया कि कानूनों में काला क्या है। इसीलिए किसान मोर्चा ने तीनों किसान कानूनों की खामियों को पर्च के माध्यम से उजागर कर दिया है। किसान नेता ने आरोप लगाया कि कानून लागू होने के बाद जिन मंडियों के सरक्षण की बात सरकार कर रही है, वह पूरी तरह से झूठ है। कानून लागू होने के बाद जो मंडी होगी वह मंडी नहीं बल्कि कारपोरेट कम्पनी के कलेक्शन सेन्टर होंगे। जहां पर किसान की उपज की खरीद कम्पनी दवारा निर्धारित मूल्य पर होगी। इसके माध्यम से होने वाली खरीद के बाद कृषि उत्पाद को बाजार में कम्पनी दवारा निर्धारित मूल्य पर ही बेचा जायेगा। नये कानूनों के बाद कृषि उपज सरकार दवारा न खरीदे जाने के बाद देश का पीडीएस सिस्टम पूरी तरह से धराशायी हो जायेगा। यह कानून बटाई और अधिया पर खेती करने वाले किसानों सहित छोटे स्तर पर पशुपालन करने वाले दुग्ध उत्पादकों को पूरी तरह समाप्त कर टेगा। किसान नेता ने कहा कि इन कृषि कानूनों को किसान धीर- धीरे समझ रहा है। जल्द ही इसके विरोध में पूरे देश में आदोलन का ऐसा तूफान खड़ा होगा जो केंद्र सरकार को धराशायी कर देगा।

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