समाचार सच, (उत्तर प्रदेश) गोरखपुर। गोरखपुर के पिपराइच थाने पर तैनात एक महिला दारोगा को शुक्रवार को एंटी करप्शन टीम ने दस हजार रुपये घूस लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। महिला दारोगा पर आरोप था कि वह एक महिला से मुकदमे में नाम निकालने के लिए पैसे मांग रही थी। इस दौरान, महिला दारोगा के साथ दो सिपाही भी मौजूद थे, जो गिरफ्तारी से पहले ही मौके से फरार हो गए। उनकी पहचान की जा रही है और जांच की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, बेलाकांटा के सेमरहवा टोला की उर्मिला ने पिपराइच थाने में एक महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उर्मिला का आरोप था कि उसके पति, बेटे और बेटी को इस मामले में फंसाया गया था, जबकि वे घटना में शामिल नहीं थे। उसने इस बात का प्रमाण भी पेश किया था। फिर भी, महिला दारोगा अंकिता पांडेय ने उसे मुकदमे से नाम निकालने के बदले 10 हजार रुपये की घूस की मांग की थी।
उर्मिला ने इस मामले की शिकायत एंटी करप्शन टीम से की थी। टीम ने जांच के बाद इस आरोप को सही पाया। शुक्रवार की शाम को उर्मिला और उसके बेटे तूफानी ने महिला दारोगा से घूस के संबंध में मिलने के लिए समय लिया। महिला दारोगा ने उन्हें बेलाकांटा पिकेट पर बुलाया। जब उर्मिला ने जैसे ही 10 हजार रुपये का पैकेट महिला दारोगा को दिया, तभी एंटी करप्शन टीम ने छापा मारा और महिला दारोगा को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
इस बीच, महिला दारोगा के साथ खड़े दो सिपाही मौके से फरार हो गए। एंटी करप्शन टीम ने महिला दारोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
महिला दारोगा अंकिता पांडेय बिहार के भोजपुर जिले की रहने वाली हैं और 2023 बैच की प्रशिक्षु उप-निरीक्षक हैं। वे जून महीने में पिपराइच थाने पर तैनात हुई थीं और उनकी ट्रेनिंग जारी थी।
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