उत्तराखंड में धधक रहे जंगल, 12 घंटे में जले 124 जंगल, सीजन का अब तक का रिकॉर्ड नुकसान

खबर शेयर करें

समाचार सच, देहरादून। उत्तराखण्ड में जंगल एक फिर धधक उठे हैं। उत्तराखंड में वनाग्नि से रिकॉर्ड नुकसान हो रहा हैं। जो जानकारियां प्राप्त हो रहीं हैं, उसके अनुसार आज 12 घंटे में 124 जंगल जले हैं। 12 घंटे में जंगलों की आग की 124 घटनाएं दर्ज की गईं। वनाग्नि से 252 हेक्टेयर जंगल जल गए। यह इस सीजन का अब तक का रिकॉर्ड नुकसान है।

देहरादून जिले के कालसी चकराता मार्ग पर सरला छानी के निकट लगी भीषण आग को चालीस घंटे पूरे हो गये। लेकिन आग अब तक बुझना तो दूर आग पर काबू भी नहीं हो पाया है। वहीं चकराता मसूरी मार्ग की ओर से भी चिरमिरी के पास कैँट के जंगल में आग लग गयी है। सुबह से लगी आग ने विकराल रूप धारण कर दिया है। कैंट का जंगल अब दोनों ओर से धू धूकर जलने लगा है। जिससे जंगल की बेशकीमती वन संपदा को भारी नुकसान हो रहा है। तेज धूप व उमस भरी गर्मी का मौसम होने के कारण आग बुझाने में वन कर्मियों, एसडीआरएफ व सेना को मुश्किलों का सामना करना पड रहा है। वहीं आग तेजी से जंगल में फैलती जा रही है।

यह भी पढ़ें -   नैनीताल उधमसिंह नगर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी ने किया नामांकन

उधर, हरिद्वार में राजाजी पार्क के जंगल में लगी आग सातवें दिन काबू में आई। दूसरी ओर, उत्तरकाशी जिले के पुरोला में भी जंगल जल रहे हैं। गढ़वाल में 58 और कुमाऊं में 61 और वन्यजीव क्षेत्रों में 5 घटनाएं हुईं। 231 हेक्टेयर आरक्षित और 21 हेक्टेयर सिविल-वन पंचायत क्षेत्र में जंगल जला। कुमाऊं में एक व्यक्ति घायल हुआ। इसके साथ ही अब तक राज्यभर में 1871 हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं। वनाग्नि की 1216 घटनाएं अब तक हो चुकी हैं। मौसम विभाग से 29 अप्रैल तक गर्मी का रेड अलर्ट जारी किया गया है। वन विभाग के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। हरिद्वार में राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के जंगल में लगी आग पर सातवें दिन काबू पा लिया गया। सात दिन तक आग ने राजाजी पार्क का 40 हेक्टेयर जंगल राख कर दिया। टाइगर रिजर्व के जंगल में लगी यह आग बीते 5-6 सालों की सबसे बड़ी आग बताई जा रही। पुरोला के रवांई घाटी के टौंस वन प्रभाग सहित अपर यमुना वन प्रभाग में बारिश न होने के चलते जंगलों की आग बेकाबू होती जा रही है।टौंस वन प्रभाग के पाणी गांव बीट के हुडोली क्षेत्र के जंगलों में लगी आग से गोशाला जलकर राख हो गई। पशु झुलसने से बच गए। दूसरी ओर अपर यमुना वन प्रभाग के स्यालना, रिखनाल, डांडा, कुथनोर, खरादी, स्यालव, रॉडी टॉप समेत हलना, गंगनानी, नंदगांव क्षेत्र के जंगल आग की चपेट में हैं। अब तक लाखों की वन संपदा को भारी नुकसान पहुंच चुका है।

यह भी पढ़ें -   उत्तराखंड में कार सेवा डेरा प्रमुख नानकमत्ता बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या, जांच में जुटी पुलिस

इधर बागेश्वर जिले में जंगलों की आग लगने की घटना लगातार जारी है। अब तक 100 से अधिक आग की घटनाएं हो चुकी है। करीब पांच लाख की वन संपदा जलकर राख हो गई है। वन विभाग जंगल बुझाने में दिन-रात जुटा है। इसके बाद भी अराजक तत्व जंगलों में आग लगाने से पीछे नहीं रह रहे हैं। इस कारण विभाग की परेशानी बढ़ गई है। बुधवार की सुबह से ही गागरीगोल, अणां, जाखनी बीट के जंगल धधक रहे हैं। इस कारण पूरे वातावरण में धुंध छाई है। धुंध से लोग परेशान हैं। सबसे अधिक परेशानी स्वांस के रोगियों को हो रही है।

सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -

👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें

👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें

हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440