नैनीताल, धनोल्टी, हेमकुंड सहित चार धामों की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी

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-ऊंची चोटियों पर इस सीजन की आठवीं बार बर्फबारी
-कुमाऊं के लगभग सभी इलाकों में रात से ही रुक-रुक कर हुई बारिश
-अगले कुछ दिन तक ऐसा ही मौसम बना रहने का अनुमान

समाचार सच, हल्द्वानी/नैनीताल/देहरादून। गरज चमक के साथ रात पड़ी बारिश की फुहारों ने मौसम में एक बार फिर ठंड बढ़ा दी। इससे न्यूनतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। वहीं कल हल्के बादल छाए रहने और तेज आंधी चलने की संभावना जताई गई है। मसूरी में भी रात से शुरू हुई बारिश सुबह तक रुक-रुक कर होती रही। वहीं नैनीताल, धनोल्टी, हेमकुंड सहित चार धामों की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी शुरू हो गई है।

नैनीताल में रात करीब एक बजे से बारिश जारी है। वहीं आज नैनीताल शहर और ऊंची चोटियों पर इस सीजन में आठवीं बार बर्फबारी हुई है। हालांकि बारिश के कारण शहर में बर्फ रुक नहीं पाई। चौखुटिया, लोहाघाट, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, काशीपुर, रुद्रपुर, बाजपुर, बागेश्वर, जसपुर, भीमताल, किच्छा, रानीखेत, मुनस्यारी, पंतनगर, रामनगर सहित कुमाऊं के लगभग सभी इलाकों में रात से ही रुक-रुक कर बारिश जारी है। आज सुबह 6.30 बजे से टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग में मलबा आने से बेलखेत व स्वांला के पास सड़क बंद हो गई है। गढ़वाल में श्रीनगर, चमोली, रुद्रप्रयाग, यमुनोत्रीधाम सहित यमुना घाटी, उत्तरकाशी, नई टिहरी और आसपास के क्षेत्रों में रात से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। चमोली और रुद्रप्रयाग की ऊंची चोटियों में बर्फबारी की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, देहरादून समेत प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आज हल्के बादल छाए रह सकते हैं। कुछ इलाकों में तेज आंधी चलने का भी अनुमान है। मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, अगले कुछ दिन तक ऐसा ही मौसम बना रहने का अनुमान है।

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देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में आज भी 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चल सकती है। ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों में ओले गिरने का अनुमान है। मौसम केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अगले दो-तीन दिन कई स्थानों पर बादल छाए रहेंगे। कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है।

हल्द्वानी को भी करवाया एक फिर मौसम ने ठंड एहसास

हल्द्वानी। मौसम ने एक बार फिर करवट बदल ली है। जहां इस मौसम ने एक बार फिर ठंडक का एहसास करा दिया है। वहीं यह बारिश किसानों के लिए मुसीबत का सबब बनी; रात से ही रुक-रुक कर हो रही मूसलाधार बारिश व तेज हवा से गेहूं की करीब 50 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई। इससे पूर्व भी तीन बार बेमौसमी बारिश से फसल को खासा नुकसान पहुंचा था। अब फसल के फिर बर्बाद हो जाने से किसान मायूस हैं।
रात्रि में गरज के साथ तेज बारिश हुई और हवा भी चली। इससे खेतों में पानी भर गया। रही सही कसर हवा ने पूरी कर दी। पानी से गेहूं के पौंधों की जड़ें पहले ही कमजोर हो चुकी थीं। हवा से पौंधे गिर गये। पहले ही कर्ज के बोझ से दबे किसानों पर इस प्राकृतिक आपदा के आ जाने से उनके चेहरे मुरझा गये है। उन्हें फसल की लागत ही निकलती नजर नहीं आ रही। उन्हें भविष्य में भी रोजी रोटी का संकट मंडराता नजर आ रहा हैं। चूंकि गेहूं की फसल करीब तैयार ही थी। ऐसे में उस पर किसानों का खर्च भी ज्यादा ही हो चुका था। मायूस किसानों ने सरकार से बर्बाद हुई फसल का उचित मुआवजा देने की मांग की है।

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