हल्द्वानी: 3.37 करोड़ की साइबर ठगी का पर्दाफाश, APK फाइल से फंसाता था गिरोह!

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-हाईटेक साइबर गैंग पकड़ाया! मोबाइल का पूरा कंट्रोल लेकर साफ कर देते थे खाते
-नैनीताल पुलिस की बड़ी कामयाबी-अंतरराज्यीय साइबर गैंग धर दबोचा
-फाइल से चालू होता था ठगी का खेल-चार आरोपी गिरफ्तार

समाचार सच, हल्द्वानी। साइबर अपराध पर बड़ी कार्रवाई करते हुए नैनीताल पुलिस ने एक अंतरराज्यीय साइबर ठगी गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल की है। यह गैंग APK फाइल भेजकर लोगों के मोबाइल पर कब्जा कर लेता था और फिर बैंक खातों से लाखों रुपये उड़ा देता था। पुलिस ने इस गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर 11 मोबाइल, 9 सिम, कई बैंक दस्तावेज़, क्यूआर कोड और वाहन समेत भारी मात्रा में सामग्री बरामद की है। गिरोह के खातों में 3.37 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन सामने आया है।

एसएसपी नैनीताल डॉ. मंजूनाथ टी.सी. ने इस सफल कार्रवाई पर पुलिस टीम को 5000 का इनाम देने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि जिले में बढ़ते साइबर अपराध को रोकने के लिए सभी थाना प्रभारियों को सतर्कता और कड़ी चेकिंग के निर्देश दिए गए थे।

पुलिस अधीक्षक डॉ. जगदीश चन्द्र और क्षेत्राधिकारी अमित कुमार के निर्देशन में तल्लीताल पुलिस ने 15 नवंबर की रात भेडियापखाण मोड़, दोगांव के पास चेकिंग अभियान चलाया। इसी दौरान एक संदिग्ध नेक्सन कार (HR98P/1642) को रोका गया। वाहन में बैठे चार युवक संदिग्ध पाए गए, जिसके बाद उनकी और वाहन की तलाशी ली गई।

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तलाशी में पुलिस ने 11 मोबाइल फोन, 9 सिम कार्ड, 3 क्यूआर कोड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, 2 चेकबुक, 1 क्रेडिट कार्ड, 9 डेबिट कार्ड बरामद किए। पुलिस ने उपयोग में लाया जा रहा नेक्सन वाहन भी सीज कर लिया है।

ऐसे चलता था ठगी का हाईटेक जाल
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे सोशल मीडिया के जरिए लोगों को एक PK फाइल भेजते थे।
पीड़ित जैसे ही इस फाइल को इंस्टॉल करता-
➡ उनका मोबाइल पूरी तरह हैक हो जाता।
➡ बैंक ओटीपी, लेन-देन, पासवर्ड, लॉगिन डिटेल्स भी गिरोह तक पहुंच जातीं।
➡ ठगी की राशि “म्यूल/होल्डर” खातों में डाली जाती, जिससे पुलिस को सीधा सुराग नहीं मिलता।

बरामद क्यूआर कोड में से एक खाता दिल्ली के थाना शाहदरा के मुकदमा संख्या 22/2025 से जुड़ा पाया गया है। इस संबंध में दिल्ली पुलिस से समन्वय किया जा रहा है।

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गिरफ्तार आरोपी
1-शुभम गुप्ता, निवासी अलवर (राजस्थान)
2- पियूष गोयल, निवासी बुलंदशहर
3-ऋषभ कुमार, निवासी मोदीनगर, गाजियाबाद
4-मोहित राठी, निवासी गुरुग्राम

कार्रवाई करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक भवाली प्रकाश मेहरा, थानाध्यक्ष तल्लीताल मनोज सिंह नयाल, उपनिरीक्षक श्याम सिंह बोरा, कांस्टेबल राजेंद्र जोशी, धर्मेंद्र साहनी, चालक दीपक जोशी, साइबर सेल कांस्टेबल नरेंद्र धामी शामिल रहे।

APK का क्या अर्थ होता है?
APK = Android Package Kit
यह वह फाइल फॉर्मेट है जिससे Android मोबाइल में ऐप इंस्टॉल होते हैं।
जैसे Windows में .exe
वैसे ही Android में .apk
गिरोह लोगों को एक खास तरह की APK फाइल भेजता था।
जब कोई व्यक्ति इसे अपने मोबाइल में इंस्टॉल करता—
✔ वह APK असली ऐप नहीं होता था
✔ वह एक मैलिशियस / हैकिंग ऐप होता था
✔ जो मोबाइल का पूरा कंट्रोल गैंग को दे देता था
इसके बाद ठग—OTP पढ़ लेते थे
बैंक ऐप की लॉगिन जानकारी ले लेते थे
ट्रांजैक्शन की जानकारी ले लेते थे
और पीड़ित के खाते साफ कर देते थे

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