समाचार सच, हल्द्वानी। कभी एक पर्व, एक मिलन, एक मुस्कान होती है… हरेला। लेकिन इस बार वही पर्व एक परिवार के लिए जिंदगी का सबसे बड़ा दुःस्वप्न बन गया। बुधवार को जब नवाड़खेड़ा बागजाला, गौलापार निवासी कन्नू सिंह बिष्ट अपने परिवार संग हरेले की खुशी लेकर ससुराल किच्छा जा रहे थे, तब उन्हें क्या पता था कि रास्ते में मौत घात लगाए बैठी है।


गोरापड़ाव चौराहे पर जैसे ही उनकी बाइक पहुंची, तेज रफ्तार से आ रहे एक ट्रक ने सबकुछ कुचल दिया। कुछ ही सेकंड में दो मासूमों के सामने उनका पिता ज़मीन पर बेसुध पड़ा था… और मां खून से लथपथ तड़प रही थी।
30 वर्षीय कन्नू सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। पत्नी गंभीर रूप से घायल है, जबकि दो छोटे बच्चे, जिनके नन्हें हाथों में सिर्फ मिठाई और फूल होने चाहिए थे, अब ज़िंदगी की सबसे बड़ी सच्चाई का बोझ उठाने को मजबूर हो गए।
मंडी चौकी प्रभारी प्रेम विश्वकर्मा के अनुसार, ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है। लेकिन सवाल अब सिर्फ चालक का नहीं, सिस्टम की चुप्पी का है। सड़क पर बनते ये असुरक्षित कट, लापरवाही की खुली कब्रगाह बनते जा रहे हैं — और हर कुछ दिन में कोई न कोई बेकसूर उसमें दफन हो रहा है।


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