हरीश रावत ने किया रानीपोखरी पुल का निरीक्षण, पुल टूटने का बड़ा कारण है खनन

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समाचार सच, देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रानीपोखरी के टूटे पुल का निरीक्षण किया। इस दौरान रावत ने कहा कि पुल की टूटने की वजह का किसी बाहरी एक्सपर्ट कमेटी से जांच कराई जाए। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार को जल्द से जल्द वैकल्पिक व्यवस्थाएं बनानी चाहिए, क्योंकि हजारों की संख्या में लोग इस पुल के टूटने से प्रभावित हुए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत दिल्ली से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे और फिर उसके बाद सीधे रानीपोखरी के टूटे पुल पर पहुंचकर मौके का निरीक्षण किया। हरीश रावत ने रानी पोखरी के पुल के टूटने की घटना का जिम्मेदार खनन को बताते हुए कहा कि इसमें भाजपा सरकार पूरी तरह से दोषी है, क्योंकि पुराने पुल की स्थिति को पीडब्ल्यूडी के अधिकारी भी नहीं भांप पाए और इतना बड़ा हादसा हो गया। पूर्व सीएम ने कहा कि अब भाजपा की धामी सरकार जल्दी से विकल्प तैयार कर प्रभावित लोगों के लिए रास्ता बनाए और उच्च स्तरीय जांच कराकर कार्यवाही करें। उन्होंने ये भी कहा कि हालांकि वे खुले तौर पर सरकार को इसके लिए दोषी नहीं मानते, लेकिन पुल टूट रहे हैं यह जांच का विषय है।
ऋषिकेश से करीब पंद्रह किलोमीटर आगे रानीपोखरी के समीप जाखन नदी पर करीब 57 साल पुराना 431.60 मीटर लंबा डबल लेन मोटर पुल है। जाखन नदी में अधिकांशतया बरसात के दिनों में ही पानी आता है। इस बार लगातार हो रही बारिश के चलते पिछले कुछ दिनों से जाखन नदी में पानी का बहाव बेहद तेज है। शुक्रवार को दोपहर करीब बारह बजे जाखन नदी पुल पर रानीपोखरी की ओर एक पिलर के नीचे हुए भू-कटाव से पुल का पिलर बह गया, जिससे पुल का एक पैनल भरभराकर नदी में बैठ गया। इस वक्त पुल पर वाहनों की खासी आवाजाही थी, इस पैनल के ऊपर पुल पार कर रहे दो छोटा हाथी वाहन, एक ओमिनी और एक मोटरसाइकिल पुल के साथ ही नीचे जा गिरे। गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।

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