समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। हरसिंगार का औषधीय नाम निक्टेन्थिस आर्बर-ट्रिस्टिस है। इसे रात की रानी, पारिजात और नाइट जैसमीन के नाम से भी जाना जाता है। इसके सफेद फूल बहुत सुंगधित होते हैं।
हारसिंगार का औषधीय नाम निक्टेन्थिस आर्बर-ट्रिस्टिस है। इसे रात की रानी, पारिजात और नाइट जैसमीन के नाम से भी जाना जाता है। इसके सफेद फूल बहुत सुंगधित होते हैं।


- औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसके पत्ते, छाल और फूल गठिया से लेकर आंतों के कीड़े तक कई बीमारियों को ठीक करने में मदद कर सकते हैं।
- ये औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसके पत्ते, छाल और फूल गठिया से लेकर आंतों के कीड़े तक कई बीमारियों को ठीक करने में मदद कर सकते हैं।
- हरसिंगार के एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। ये गठिया, जोड़ों का दर्द और बुखार के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
हरसिंगार के एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। ये गठिया, जोड़ों का दर्द और बुखार के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। - गठिया के दर्द से निजात पाने के लिए आप पारिजात के पत्ते, छाल और फूल से काढ़ा बना सकते हैं। सर्दी, खांसी और साइनस के लिए इसे चाय की तरह पिएं। एक गिलास पानी में 2-3 पत्ते और 4-5 फूल उबालें, इसमें 2-3 तुलसी के पत्ते डालकर चाय की तरह पिएं।
गठिया के दर्द से निजात पाने के लिए आप पारिजात के पत्ते, छाल और फूल से काढ़ा बना सकते हैं। सर्दी, खांसी और साइनस के लिए इसे चाय की तरह पिएं। एक गिलास पानी में 2-3 पत्ते और 4-5 फूल उबालें, इसमें 2-3 तुलसी के पत्ते डालकर चाय की तरह पिएं। - बुखार के लिए तुलसी की 2-3 पत्तियों के साथ 3 ग्राम छाल और 2 ग्राम पत्ते लेकर पानी में उबालकर दिन में दो बार पिएं। काढ़ा बनाने के लिए पत्तों को पानी में उबालकर पिएं।
- बुखार के लिए तुलसी की 2-3 पत्तियों के साथ 3 ग्राम छाल और 2 ग्राम पत्ते लेकर पानी में उबालकर दिन में दो बार पिएं। काढ़ा बनाने के लिए पत्तों को पानी में उबालकर पिएं।

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