समाचार सच, नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने सख्त रूख अपनाते हुए आदेश दिया है कि अगर स्कूल वालों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर फीस वसूली की गयी तो उस स्कूल पर कार्रवाई होगी। कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया कि ट्यूशन फीस सिर्फ ऑनलाइन शिक्षा लेने वाले छात्रों से ही ली जा सकती है।
ज्ञात हो कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के चलते देशव्यापी लॉकडाउन है। इसलिए स्कूल, कॉलेज सभी बंद है। राज्य में प्राइवेट स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई का बहाना बनाकर अभिभावकों पर फीस के लिये दबाव डाल रहे थे इसके बाद राज्य सरकार ने सख्ती बरती तो स्कूल ट्यूशन फीस के नाम पर ज्यादा चार्ज करने के लिये लगातार मैसेज कर रहे थे। स्कूलों की मनमानी के खिलाफ देहरादून के कुंवर जपेन्द्र सिंह व आकाश यादव ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करते हुए कहा कि राज्य में स्कूल बंद हैं। बावजूद इसके स्कूल छात्रों पर फीस जमा करने का दबाव डाल रहे हैं। याचिका में कहा गया कि ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर यूकेजी एवं एलकेजी समेत कक्षा 5 तक के छात्रों से भी ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर फीस ली जा रही है। जबकि उनको ऑनलाइन क्लास नहीं दी जा रही हैं। इस याचिका में फीस माफ करने की मांग की गई है।
मंगलवार को हाईकोर्ट की खंडपीठ ने मैसेज, ई-मेल, फोन से अभिभावकों पर फीस के लिए दबाव डालने पर रोक लगा दी है। साथ ही हाईकोर्ट ने सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाए जाने का निर्देश देते हुए कहा है कि अभिभावकों की शिकायत पर नोडल अधिकारी तत्काल ऐसे स्कूलों के खिलाफ नियम के अनुसार सख्त कार्रवाई करें। कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया कि ट्यूशन फीस सिर्फ ऑनलाइन शिक्षा लेने वाले छात्रों से ही ली जा सकती है।

सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें
👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें
हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440

