हाईकोर्ट ने निजी और अर्द्ध शासकीय स्कूलों द्वारा फीस वसूली पर सरकार से मांगा जवाब

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समाचार सच, नैनीताल/देहरादून। निजी और अर्द्ध शासकीय स्कूलों द्वारा लॉकडाउन के दौरान अभिभावकों से बच्चों की फीस वसूली के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। मंगलवार को यहां हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ और आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने फीस वसूली मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद तय की है।
ज्ञात हो कि देहरादून निवासी जपिंदर सिंह ने लॉकडाउन के दौरान निजी और अर्द्ध शासकीय विद्यालयों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की तीन माह की फीस माफ करने और इस मामले में व्यवहारिक नीति बनाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। दायर याचिका में उनका कहना है कि सरकार की ओर से निजी-अर्द्ध शासकीय विद्यालयों को लॉकडाउन अवधि की ट्यूशन फीस लेने के आदेश दिए थे। परन्तु कुछ विद्यालयों द्वारा से अभिभावकों पर मार्च, अप्रैल माह की फीस जमा कराने का दबाव डाला जा रहा है। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि ऑनलाइन कक्षाओं में पढ़ने के लिए कई अभिभावकों के पास इंटरनेट व्यवस्था के साथ-साथ साधन भी नहीं है। दायर याचिका में दूरदर्शन के माध्यम से क्लासेस शुरू करने की मांग करते हुए कहा गया है कि वर्तमान में हर घर में टीवी है। राज्य सरकार द्वारा नेशनल चैनल दूरदर्शन के माध्यम से कक्षाएं चलाई जाये ताकि बच्चों को पढ़ने में आसानी हो सकें।

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