कैसे एक गरीब परिवार में जन्में उत्तराखण्डी पानू दा ने 6.50 लाख सब्सक्राइबर्स से यूट्यूब पर मचाया तहलका…

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-24 करोड़ व्यूज के साथ यूट्यूब की दुनिया में जमाये अपने पैर
-एक साल तीन महीने में पानू दा ने करीब 28 लाख रुपये यूट्यूब से कमाए
-उत्तराखण्ड के कलाकरों को यूट्यूब की दुनिया में लाने के लिये कर रहे निःशुल्क मदद

समाचार सच, हल्द्वानी। अगर दुनिया में कोई मुकाम पाना चाहते है, तो हमारे आसपास करोड़ों ऐसी चीजें है जिनकी सहायता से हम मनचाही सफलता प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे ही हमारे उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ थल के स्याल्बे गांव में एक गरीब परिवार में जन्में अनिल सिंंह पानू जिन्होंने अपनी लगन व मेहनत के जरिए कम समय में 24 करोड़ व्यूज के साथ यूट्यूब की दुनिया में अपने पैर जमा दिये हैं। पानू ने करीब 6.50 लाख सब्सक्राइबर्स से यूट्यूब पर तहलका मचाया हुआ है। पानू बतातें हैं कि उन्होंने यूट्यूब के माध्यम से एक साल तीन महीने में करीब 28 लाख रुपये कमायें हैं।
सेवाभाव व मददगार पानू अपने उत्तराखण्ड के कई प्रसिद्ध गायक कलाकारों व छुपे कलाकारों को भी यूट्यूब की दुनिया में लाने के लिये निःशुल्क मदद कर रहे है। इसी वजह से उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों के लोग उन्हें पानूदा के नाम से पुकारने लगे है। आइए समाचार सच ‘एक मुलाकात शीर्षक’ में संपादक अजय चौहान और मोटिवेशनल स्पीकर कुलदीप सिंह द्वारा लिया गया, पानूदा की जुबानी उनके मुकाम पाने तक का सफर, जिसके एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के कुछ मुख्य अंश:

पानू जी सबसे पहले आप हमें अपने आज तक के सफर के बारे में कुछ बताइए?
मैं पिथौरागढ़ के थल के समीप स्याल्बे गांव का रहने वाला हूँ। जब मैं तीन महीने का था तो मेरे पिताजी मुझे गांव से दिल्ली ले आए। हम दिल्ली के जे जे क्लस्टर में किराये के मकान में रहते थे। उस वक्त हमारी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी और हमने बहुत गरीबी में दिन काटे। मैं वहीं के प्राइमरी स्कूल से पढ़ा। उस वक्त मेरे पास पहनने के लिए ढंग के कपड़े तक नहीं होते थे। मैं निकर में ही घूमा करता था। लेकिन मेरे अंदर एक लगन थी कि एक बेल्ट और टोपी की यानी वर्दीवाली नौकरी करनी है।

फिर आपने बड़े होकर कहाँ नौकरी की?
मेरे हाई स्कूल में केवल 33% ही नंबर आए थे। लेकिन फिर भी मैंने अपना हौसला तोड़ा नहीं क्योंकि मुझे वर्दी पहननी थी। 14 फरवरी 2007 को जैसे ही मेरी उम्र 18 साल की हुई तक मैंने आई. टी. बी. पी. का फॉर्म खरीदा और 4 मई 2007 को मेरा रानीखेत में फिजिकल टेस्ट हुआ। मैं बाकी सभी टेस्ट में पास हो गया लेकिन मेडिकल टेस्ट में फेल हो गया। मुझे काफी निराशा हुई। लेकिन मैंने फिर भी हार नहीं मानी। मैंने 2 बार फिर मेडिकल के लिए पुनः आवेदन दिया और अंततः मैं दिल्ली से भर्ती हो गया।

आपकी सबसे पहली पोस्टिंग कहाँ आयी?
लद्दाख। पहली बार घर से बाहर निकला था। मैंने लद्दाख में अपनी ट्रेनिंग पूरी करी। फिर मेरी जोइनिंग उत्तरकाशी में हुई और कुछ समय बाद मुझे दिल्ली भेजा गया।

आपने यूट्यूब चैनल बनाने का कब सोचा?
मैंने एक दिन अखबार में इंडियन यूट्यूबर लिली सिंह के बारे में पढ़ा। जो कनाडा में रहती हैं और पूरे विश्व में सातवें नंबर पर हैं और एक माह में करीब 5 करोड़ रुपये यूट्यूब से कमाती हैं। उनको देखकर मुझे हौसला आया और मैंने चैनल बना दिया। और मैंने मज़ाक मज़ाक में वीडियो डाल दिए। वो वीडियो वायरल हो गए और एक दिन में दिसंबर 2016 में उनके 60 लाख व्यूज आ गए।

आप अपने वीडियो कैसे बनाते हैं?
मैं बिल्कुल रॉ वीडियो डालता हूँ अर्थात बिना ज्यादा एडिटिंग के।

यूट्यूब से आपकी सबसे पहली कमाई कितनी हुई?
21 जनवरी 2017 को 17,400 रुपये। दूसरी इनकम 28,000 रुपये। तीसरी इनकम 1,50,000 रुपये। चौथी इनकम 2,25,000 रुपये। एक साल तीन महीने में मैंने करीब 28 लाख रुपये यूट्यूब से कमाए।

आपके चैनल का क्या नाम है और आप कितने चैनलों के संचालन में मदद कर रहे हैं?
मेरे चैनल का नाम जे एम एस आर्ट्स है। मैंने पप्पू कार्की, माया उपाध्याय, गोविंद दिगारी, जितेंद्र तोमक्याल, दीपा नगरकोटी, बेबी प्रियंका, रमेश मोहन पांडे, संजय सिलोड़ी और सागर सिलोड़ी आदि के यूट्यूब चैनल बनाने में उनकी मदद की और अपना मंगल, बसंत दा पहाड़ी, फौजी ललित मोहन जोशी, पी एस एन के आर्ट्स आदि सभी चैनलों को जब भी कोई दिक्कत आती है तो मैं देखता भी हूँ।

आप इन सब लोगों की मदद करने के बदले क्या कोई फ़ीस भी लेते हैं?
नहीं सर। मैं उत्तराखंड के लोगों के लिए दिल से काम करता हूँ। मैं इन सभी लोगों के लिए मुफ्त सेवा देता हूँ। ‘मैं अपने पहाड़ को आगे देखना चाहता हूँ’।

आप इन सभी कलाकारों को व्यक्तिगत तौर पर पहले से जानते थे या अपना यूट्यूब चैनल बनाने के बाद जान पहचान हुई?
यूट्यूब से ही मुझे जान-पहचान मिली। मुझे पहाड़ में कोई नहीं जानता था। इन सब कलाकारों से मिलाने में पप्पू कार्की जी का बहुत बड़ा हाथ है। मैं उनका रिश्ते में मौसा लगता हूँ।

आपके परिवार में और कौन-कौन है?
मेरे दो बच्चे हैं। एक बेटा ध्रुव सिंह और एक बेटी श्रेया। श्रेया दो साल की है और बेटा मेरा दूसरी कक्षा में पढ़ता है। पिताजी एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं और माता जी होममेकर हैं।
मेरा एक छोटा भाई भी है भूपेंद्र सिंह पानू। एक दिन उसने मुझसे जूते खरीदने के लिए 10,000 रुपये मांगे लेकिन मैंने मना कर दिया। तो उसने अपना एक नया यूट्यूब चौनल बनाया और किस्मत से उसके वीडियो भी वायरल हो गए। उसकी पहली इनकम आयी थी 4,17,000 रुपये। उसने मेरा भी रिकॉर्ड तोड़ दिया। उसने 7 महीने में 15,00,000 रुपये कमाए। रॉयल पानू नाम से उनका यूट्यूब चैनल है।
मैं अगर एक रुपया भी कमाता था तो उसे फेसबुक पर डालता था ताकि लोगों को प्रोत्साहन मिले।

उत्तराखंड के युवाओं के लिए कोई संदेश?
उत्तराखंड के जो बच्चे अगर अच्छा ढोलक बजाना, गाना गाना, बाँसुरी बजाना, गेमिंग या सॉफ्टवेयर के बारे में जानता है तो वो भी यूट्यूब पर अपनी वीडियो डालें। अपना चौनल बनाए। यूट्यूब एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म हैं जहां कोई रातों रात चमक सकता है। यूट्यूब की नज़रों में सब समान है।

आपके चैनल के नाम कौन कौन से रिकॉर्ड दर्ज हैं?
मेरे चैनल के नाम तीन रिकॉर्ड हैं। सबसे पहला यूट्यूब सिल्वर बटन मेरे चैनल को मिला था। 2017 में मेरा एक वीडियो पूरे हिंदुस्तान में पांच दिन तक टॉप पर रहा। मार्च 2018 में मेरा एक वीडियो ‘कौवा बिरयानी’ वायरल हुआ। पहले ही दिन करीब 70-80 लाख लोगों ने हमारा वीडियो देखा। उस दिन मुझे 32,000 सब्सक्राइबर एक ही दिन में मिले थे।

आपके वीडियो का हाईएस्ट व्यू कितना है?
2 करोड़ 50 लाख। टोटल व्यूज 24 करोड़ से ऊपर है। मेरे वीडियोस का स्टाइल देसी-फन्नी है।

मैं इमोशनल और सोशल वीडियो भी बनाता हूँ। जैसे 26 जनवरी को ‘फौजी की पहली छुट्टी’।

आप यूट्यूब से होने वाली इनकम को कहाँ खर्च करते हैं?
मैं उससे जरुरतमंदों की मदद करता हूँ। मेरी अपनी कोई सेविंग्स नहीं है। मैं आज हल्द्वानी में नैब में भी गया था। मैंने पप्पू कार्की जी की माता जी को आजीवन 2100 रुपये प्रतिमाह देने का भी प्रण लिया है। मुझे भगवान इतना दे कि मैं गरीब बच्चों, बेसहारा महिलाओं और विधवाओं की आजीवन मदद कर सकूँ।

कौन-कौन से लोग आपके दिल के बहुत करीब हैं?
जगजीवन कन्याल जी, मंगल दा-जीवन दा, गोविंद दिगारी जी, आशा नेगी जी, दीपिका सिंह।

आपका सबसे बड़ा सपना क्या है?
मैं पूरी दुनिया में अपने नाम की पहचान बनाना चाहता हूँ। सब लोग मुझे पहचाने। मैं जल्दी ही इसको पूरा करूँगा। हम एक पहाड़ी वीडियो दुबई में शूट करना चाहते हैं।

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3 thoughts on “कैसे एक गरीब परिवार में जन्में उत्तराखण्डी पानू दा ने 6.50 लाख सब्सक्राइबर्स से यूट्यूब पर मचाया तहलका…”

  1. आनिल पानू जी उत्तराखंड की शान है इन्होने यूट्यूब पर ही नहीं लोगों के दिल में भी तहलका मचा रखा है, अनिल पानू भाई जी के छोटे भाई भूपेन्द्र पानू जी भी बहुत आगे है यूट्यूब में जिनका चैनल रॉयल पानू के नाम से है, पानू भाई का साथ हर उत्तराखंडी को मिलता है इन्होने हर क्षेत्र में मदद् की है इनका प्यार उत्तराखंडीयो के लिए सदाबहार है। अनिल पानू जी भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस के जवान भी है इनका योगदान महान है, हमें गर्व है पानू भाई पर जय उत्तराखंड 🙏🙏🙏