समाचार सच, हल्द्वानी। कोरोना संक्रमणकाल के चलते इस भी वर्ष मोहर्रम पर ताजियों के जुलूस नहीं निकाले गये। ज्ञात हो कि कोरोना संक्रमणकाल को देखते हुए प्रशासन ने मोहर्रम पर ताजिये निकालने की अनुमति नहीं दी। जिसके चलते मुस्लिम समुदाय के लोगों ने घरों के आगे ही ताजिये व हूर घोड़े सजाये और हजरत इमाम हुसैन को याद किया। ताजियों को देर शाम कर्बला में दफन कर दिया गया।
आपको बता दें कि कोविड-19 के चलते इस बार भी मोहर्रम पर जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी गयी है। जिसके चलते मुस्लिम समुदाय के लोगों में निराशा दिखी और उन्होंने घरों के आगे ही ताजिये व हूर घोड़े सजाये। शमशीरे हैदरी अखाड़े के नबी पहलवान, आफताब आलम, सलीम अंसारी, कदीर आदि ने ताजिये सजाये। जिनके आस-पास के लोगों ने दीदार किए। इसके अलावा मोहर्रम कमेटी के महबूब उर्फ मुन्ना, युसूफ व अजीम ने हूर घोड़े सजाये। जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बने रहे। देर शाम ताजियों को कर्बला में दफन कर दिया गया। इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि व कोविड नियमों के अनुपालन के लिए क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।

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