समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। आजकल बाज़ार में अलग अलग कॉम्बिनेशन की अनेक दर्द-निवारक दवायें या पेनकिलर्स मौजूद हैं। इनका केमिकल कम्पोज़िशन रोग के अनुसार अलग अलग होता है। इनमें से कुछ पेनकिलर्स ऐसे भी हैं जिनको अगर बिना उचित सलाह के अपनी जाय तो इनकी लत लग जाती है। इतना ही नहीं भयानक बिमारी हो जाती हैं।
डाक्टर बताते हैं कि अगर आप दर्द निवारक दवा खाते हैं तो इंसान इसका आदि हो जाता है। दर्द निवारक दवा खाने के लती होने वाले इंसान इस आदत को चाह कर भी फिर नहीं छोड़ पाते। उन्होंने बताया कि अगर कभी इन दवाओं को लेना लोग बंद कर देते हैं तो इसका दुष्प्रभाव दिखने लगता है।
दर्द निवारक दवा बंद करने के दुष्प्रभाव हाथ-पैरों का कांपना
- बेचैनी
- गुस्सा
- डायरिया
- छींकें
- अनिद्रा
- नाक से पानी आना
पेन किलर दवा के साइड इफेक्ट –
गैस्ट्रिक
सीने में जलन, पेट दर्द, खट्टी डकारें, पेट में सूजन, पटे में घाव बनना
लिवर में सूजन
अनेक दर्द निवारक दवाओं के अधिक प्रयोग के कारण लिवर की सेल्स टूटने लगती है और भूख कम लगती है
किडनी की समस्या
दर्द निवारक दवाओं के अधिक प्रयोग के कारण किडनी खराब हो सकते हैं, किडनी के सेल्स डैमेज हो जाते हैं
ब्लड डिस्कैरिया
पेन किलर ज्यादा लेने से खून रासायनिक संरचना बदलने लगती है और इससे ब्लड डिस्क्रैसिया कहते है, इससे रोगियों की मृत्यु तक हो जाती है
अस्थमा –
कुछ रोगियों को इन दवाओं के विपरीत प्रभावों के कारण अस्थमा भी हो जाता है।
भावनात्मक समस्या
माइग्रेन किसी किसी मरीज को दर्द निवारक दवाएं ज्यादा लेने से माइग्रेन की भी प्रॉब्लम होने लगती है
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