हनुमान जी का अगर आप नाम लेते हैं, तो आधे दुख दर्द और संकट अपने आप खत्म हो जाते है

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। शनिवार के दिन हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना बहुत उत्तम होता है। सुंदरकांड और हनुमान चालीसा में कई ऐसे दोहे हैं, जिन्हें अगर आप पढ़ लेंगे तो आपकी बड़ी सी बड़ी मुश्किल आसान हो जाएगी। यहां भी हनुमान जी को मुश्किल कम होने का रास्ता बताया गया है कि कैसे समुद्र बहुत छोटा, विष भी अमृत के समान हो जाता है। लेकिन इसके लिए हमें भगवान राम की शरण में जाना होगा। भगवान राम हनुमान जी के आराध्य है। इसलिए इनकी कृपा से सभी काम बन जाते हैं। अगर आप जीवन में संकट से परेशान हैं और उस संकट से मुक्ति प्राप्त करना चाहते हैं तो शनिवार और मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। हनुमान जी का अगर आप नाम लेते हैं, तो आधे दुख दर्द और संकट अपने आप खत्म हो जाते हैं।

प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयं राखि कोसलपुर राजा।
गरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई।।

इस दोहे का अर्थ है कि अयोध्यापुरी के राजा श्री रघुनाथजी की जो भक्ति करता है। उनको अपने मन मंदिर में बसाता है, उसके सबकाम आसानी से पूरे हो जाते हैं। इस दोहो में कहा हया है कि मन में भगवान श्री राम को याद करो और नगर में प्रवेश करके सब काम करें, जो ऐसा करता है, उसके लिए विष अमृत बन जाता है, दुश्मन दोस्त लगने लगते हैं, समुद्र गाय के खुर के बराबर हो जाता है, अग्नि में ठंड आ जाती है।

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गरुड़ सुमेरु रेनु सम ताही। राम कृपा करि चितवा जाही।
अति लघु रूप धरेउ हनुमाना। पैठा नगर सुमिरि भगवाना।।

इस दोहे का अर्थ है कि हे गरुड़जी किस प्रकार मुश्किल आसान होगी। अगर एक बार भगवान राम ने किसी को कृपा करके देख लिया तो फिर पर्वत भी एक कण के समान हो जाएगा। इस दोहे के अनुसार सुमेरु पर्वत उसके लिए रज के समान हो जाता है, जिसे श्री रामचंद्रजी ने एक बार कृपा करके देख लिया। बस फिर क्या था, भगवान राम का ध्यान करके हनुमान जी ने ने बहुत ही छोटा रूप धारण किया और माता सीता का पता लगने के लिए नगर में प्रवेश किया।

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