समाचार सच. अध्यात्म डेस्क। शनिवार, शनि अमावस्या, शनि प्रदोष ऐसे अवसर हैं जब शनि महाराज को प्रसन्न किया जा सकता है। सामान्य समय में शनि की शुभता के लिए यह 10 उपाय आजमा कर देखें….
- दोनों समय भोजन में काला नमक और काली मिर्च का प्रयोग करें।
- शनिवार के दिन बंदरों को भुने हुए चने खिलाएं और मीठी रोटी पर तेल लगाकर काले कुत्ते को खाने को दें।
- यदि शनि की अशुभ दशा चल रही हो तो मांस-मदिरा का सेवन न करें।
- प्रतिदिन पूजा करते समय महामृत्युंजय मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करें शनि के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
- घर के किसी अंधेरे भाग में किसी लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमें तांबे का सिक्का डालकर रखें।
- शनि ढैया के शमन के लिए शुक्रवार की रात्रि में 8 सौ ग्राम काले तिल पानी में भिगो दें और शनिवार को प्रातः उन्हें पीसकर एवं गुड़ में मिलाकर 8 लड्डू बनाएं और किसी काले घोड़े को खिला दें। आठ शनिवार तक यह प्रयोग करें।
- शनि के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए शनिवार के दिन काली गाय की सेवा करें। पहली रोटी उसे खिलाएं, सिंदूर का तिलक लगाएं, सींग में मौली (कलावा या रक्षासूत्र) बांधे और फिर मोतीचूर के लड्डू खिलाकर उसके चरण स्पर्श करें।
- प्रत्येक शनिवार को वट और पीपल वृक्ष के नीचे सूर्याेदय से पूर्व कड़वे तेल का दीपक जलाकर शुद्ध कच्चा दूध एवं धूप अर्पित करें।
- शनिवार को ही अपने हाथ के नाप का 29 हाथ लंबा काला धागा लेकर उसको मांझकर(मसलकर) माला की तरह गले में पहनें।
- यदि शनि की साढ़ेसाती से ग्रस्त हैं तो शनिवार को अंधेरा होने के बाद पीपल पर मीठा जल अर्पित कर सरसों के तेल का दीपक और अगरबत्ती लगाएं और वहीं बैठकर क्रमशः हनुमान, भैरव और शनि चालीसा का पाठ करें और पीपल की सात परिक्रमा करें।
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