समाचार सच, उत्तर प्रदेश। लखनऊ के एक डॉक्टर दंपत्ति ने आईएफएस निहारिका सिंह और उनके पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। आईएफएस और उनके पति पर दंपत्ति से 1.2 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी करने का आरोप है। गुरुवार को लखनऊ पुलिस ने इस मामले में दो नई एफआईआर दर्ज की। मुख्य आरोपी अजीत गुप्ता फाइनेंस कंपनी एनी बुलियन इंडस्ट्रीज (एबीआई) के निदेशक हैं और उनकी पत्नी निहारिका सिंह हैं, जो इंडोनेशिया में तैनात भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी हैं। आइए जानते हैं कि आईएफएस निहारिका सिंह किस बैच की अधिकारी हैं और उन्होंने कब यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की थी।
मामले में ईडी ने एबीआई के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है और उनकी आईएफएस पत्नी को समन जारी किया है। गोमतीनगर के विशाल खंड-2 निवासी शैलेश अग्रवाल (53) और उनकी पत्नी मृदुला अग्रवाल की शिकायत पर संज्ञान लेने के बाद अदालत के निर्देश पर ये एफआईआर दर्ज की गई। डॉक्टर दंपत्ति ने आरोप लगाया कि उन्हें अजीत गुप्ता की फाइनेंस कंपनी में निवेश करने के लिए लालच दिया गया था। डॉक्टर दंपत्ति उन्हें और उनकी पत्नी को 2016 से मरीज के तौर पर जानते है।
आईएफएस निहारिका सिंह कौन हैं?
निहारिका सिंह एबीआई के मालिक अजीत कुमार गुप्ता की पत्नी है। 2006 बैच की आईएफएस अधिकारी निहारिका सिंह टोक्यो और पूर्वी एशियाई देशों में दक्षिणी अफ्रीका डिवीजन की डिप्टी चीफ के तौर पर काम कर चुकी हैं। फिलहाल उनकी तैनाती इंडोनिशिया में है।
आईएफएस अधिकारी पर है ये भी आरोप
ईडी ने अजीत के खिलाफ यूपी पुलिस द्वारा दर्ज 30 एफआईआर और शिकायतों के आधार पर 2019 में एबीआई के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। यूपी एसटीएफ ने लखनऊ पुलिस के साथ मिलकर 16 जुलाई 2020 को अजीत को गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान निहारिका की भूमिका भी जांच के दायरे में आई थी। बाद में 2021 में ईडी ने आईएफएस अधिकारी का नाम पीएमएलए मामले में जोड़ा।
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