होली उत्सव में कवियों ने छोड़े हास्य व्यंग्य रंगों के बाण, श्रोताओं हुए लोट-पोट

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समाचार सच, हल्द्वानी। श्री गिरिजा देवी साहित्य संस्था द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन श्री महादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय देवल चौड हल्द्वानी में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जाने-माने कवियों ने रचनापाठ कर हास्य व्यंग्य रंगों के ऐसे बाण छोड़े जिससे उपस्थित श्रोतागण लोट-पोट हो गए।

कवि सम्मेलन का उद्घाटन संस्था के संरक्षक चौधरी समर पाल सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। तद्पश्चात कार्यक्रम का शुभारम्भ डा नवीन चन्द्र जोशी ने कविता पाठ करते हुए किया। उन्होंने कहा-
द्वेष की दीवार हटाओं होली में।
दर्द दिलों का मिटाओं होली में।।
प्रसिद्ध हास्य कवि राज कुमार भण्डारी ने अपनी हास्य कविता से श्रोताओं को खुब हंसाया। उन्होंने अपनी प्रस्तुति में कहा-
हाथ मे मोबाइल लेके बैठे सदा इक्कले।
चाउमीन और मोमो दे दो तो फिर बल्ले बल्ले।।
डा वेद प्रकाश अंकुर ने अपनी रचना में कहा-
कुछ नया करके दिखा तू इस होली में।
अपने को आईना तो दिखा तू इस होली में।।
अशोक कुमार वार्ष्णेय ने होली गायन किया-
हल्द्वानी में उड़े रे गुलाल।
कि कह दो राधारानी से।।
डा रमेश चन्द्र द्विवेदी ने काव्य पाठ करते हुए कहा-
गोरी के गोरे गालों में पर।
आओं रंग अबीर लगा दें।।
श्री अखिलेश शर्मा ने कहा
ज़िन्दगी में बहुत अंधेरे हैं।
कैसे कह दूं कि आप मेरे हैं।।
कार्यक्रम के अंत में चौधरी समर पाल सिंह द्वारा कवियों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन डा नवीन चन्द्र जोशी ने किया। कार्यक्रम में अनुराग जोशी आचार्य राकेश पंत आदि ने सहयोग किया।

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