समाचार सच, हल्द्वानी। राज्य निर्वाचन आयोग, उत्तराखंड ने त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2025 की तैयारियां युद्धस्तर पर शुरू कर दी हैं। इसी क्रम में सोमवार को सर्किट हाउस, काठगोदाम में एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया, जिसका नेतृत्व आयोग के प्रभारी संयुक्त सचिव, कमलेश मेहता ने किया।


कुमाऊं मंडल के छह जनपदों- नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंह नगर, अल्मोड़ा, बागेश्वर व पिथौरागढ़ – के उप जिला निर्वाचन अधिकारियों, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारियों, पंचायती चुनाव अधिकारियों सहित राज्य सूचना विज्ञान केंद्र के अधिकारियों ने कार्यक्रम में शिरकत की।
राज्य निर्वाचन आयोग व एनआईसी देहरादून की टीम ने पंचायत निर्वाचन की महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं पर जानकारी दी। साथ ही विशेष सॉफ़्टवेयर का लाइव प्रदर्शन किया। जिसका उपयोग मतदाता प्रबंधन, मतदाता सूचियों का अपलोड, मतदान किट, मतगणना, निर्वाचन प्रमाण पत्र सहित निर्वाचन व्यय सीमा की निगरानी तक किया जाएगा।
यह सॉफ़्टवेयर चुनाव व्यवस्था को अधिक पारदर्शी, सुविधाजनक व तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगा, साथ ही कार्मियों की नियुक्ति, मतगणना और नतीजे घोषित होने तक हर स्टेज पर गति प्रदान किया जाएगा।
प्रशिक्षण सत्र में उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम, 2018, पंचायत निर्वाचन नियमावली, संशोधित प्रावधान, निर्वाचन व्यय सीमा, मतदान व मतगणना व्यवस्था सहित कार्मियों की ट्रेनिंग पर भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
संयुक्त सचिव कमलेश मेहता ने कहा, “राज्य निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर हर व्यक्ति अपना नाम मतदाता सूची में चेक कर सकता है। नाम गलत होने या छूटने पर सहायक निर्वाचन अधिकारी या एसडीएम के माध्यम से सुधार किया जा सकता है। साथ ही, अपात्र नाम होने पर उनके खिलाफ आवेदन भी दिया जा सकता है।”
चुनाव आयोग का लक्ष्य हर योग्य मतदाता तक पहुंचने, उनके नाम शुद्ध रखने, साथ ही मतदान व्यवस्था का निष्पक्ष, पारदर्शी और जनहितैषी संचालन करना है।
कार्यक्रम में जिला विकास अधिकारी गोपाल गिरी, कुमाऊं मंडल के सभी उप जिला निर्वाचन अधिकारी, पंचायती चुनाव अधिकारी सहित राज्य सूचना विज्ञान केंद्र के प्रतिनिधि मौजूद रहे।





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