समाचार सच, देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य में अब दो पहिया वाहन पर पीछे बैठने वाले नौ माह से लेकर चार साल तक के बच्चे को हेलमेट और सेफ्टी हार्नेस पहनना अनिवार्य किया जा रहा है। इसके नियम के लिये केंद्र सरकार द्वारा संशोधित केंद्रीय मोटरयान अधिनियम में इसके लिये व्यवस्था कर दी गयी है और परिवहन विभाग इसका विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर रहा है, जिसे स्वीकृति के लिये शीघ्र शासन को भेजा जायेगा।


आपको बता दें कि हाल में केंद्र सरकार द्वारा मोटर यान अधिनियम में संशोधन किया है। जिसमें मोटरसाइकिल चालक को नौ माह से लेकर चार वर्ष की आयु के बच्चों को पीछे की सीट पर ले जाते समय सेफ्टी हार्नेस का प्रयोग करना होगा। सेफ्टी हार्नेस बच्चों द्वारा पहने जाने वाली विशेष प्रकार का वेस्ट या बेल्ट है। इसमें जुड़ी पट्टियों से एक जोड़ी चालक और दूसरी पीछे बैठने वाले बच्चे को जोड़ेगी, जिससे बच्चे का ऊपरी धड़, चालक के पीछे सुरक्षित रूप से जुड़ा होगा। इसके अलावा चालक यह भी सुनिश्चित करेगा कि पीछे बैठने वाले नौ माह से लेकर चार वर्ष तक के बच्चे ने क्रेश हेलमेट या भारत मानक ब्यूरो के अनुसार बनाया गया हेलमेट पहना हो। साथ ही अधिनियम में यह भी साफ किया गया है कि जिस मोटर साइकिल पर चार वर्ष तक के बच्चे पीछे बैठे होंगे, उसकी गति 40 किमी प्रति घंटा से अधिक नहीं होगी।
केंद्र सरकार द्वारा जारी गजट में सेफ्टी हार्नेस कैसा होगा इसकी भी पूरी जानकारी दी गई है। उप परिवहन आयुक्त एसके सिंह ने बताया कि केंद्रीय मोटर यान अधिनियम में हाल ही में यह बदलाव किया गया है। यह व्यवस्था प्रदेश में भी लागू की जानी है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा।

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