कलयुग में हनुमान जी को सबसे सिद्ध देवता माना गया है जो आपकी किसी भी इच्छा को पूर्ण कर सकते हैं

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। इस बार 23 अप्रैल मंगलवार को हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाएगा। भगवान भोलेनाथ के 11वें रुद्र के रूप में चैत्र माह की पूर्णिमा पर माता अंजनी के घर में संकटमोचक हनुमान जी का जन्म हुआ था। मंगलवार के दिन की वजह से इसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। कलयुग में हनुमान जी को सबसे सिद्ध देवता माना गया है जो आपकी किसी भी इच्छा को पूर्ण कर सकते हैं। कुछ आसान उपायों से उन्हें अपने प्रति प्रसन्न किया जा सकता है।

हनुमान जी को चढ़ाएं ये चीज
शूकर क्षेत्र फाउंडेशन के अध्यक्ष और ज्योतिषाचार्य डॉ. गौरव कुमार दीक्षित के मुताबिक, जब भी मंदिर में दर्शन करने जाएं तो हनुमान जी को देशी घी का रोटी चढ़ाएं। इसके अलावा आप अपनी किसी भी मनोकामना पूर्ति के लिए घी का दीप जलाकर स्वच्छ मन से राम नाम का जाप कीजिये। हनुमान जी को पान सबसे ज्यादा प्रिय है इसलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए लौंग वाले मीठे पान का भोग लगाइए। आर्थिक तंगी से मुक्ति पाने के लिए हनुमान जयंती के दिन हनुमानजी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं और पीपल के 11 पत्तों पर सिंदूर से श्रीराम लिखकर हनुमान जी को अर्पित कर दें और उनसे अपनी आर्थिक समस्या दूर करने की कामना करें। आप उनके शृंगार के लिए सिंदूरी रंग का लंगोट पहनाइए।

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हनुमान जयंती पर इन राशियों के लिए क्या उपाय?

मेष- सुंदर कांड का पाठ करें और बंदरों को फल चढ़ाएं।

वृषभ- 5 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें और बूंदी का भोग लगाकर बच्चों में वितरण करें।

मिथुन– बजरंग बाण का पाठ करें और हनुमान जी को लौंग वाला मीठा पान खिलाएं।

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कर्क- सुंदरकांड का पाठ करें और कुष्ठ रोगियों को भोजन कराएं।

सिंह- हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें और हनुमान मंदिर में तिकोना केसरिया ध्वज लगावें।

कन्या- हनुमान अष्टक का पाठ करें और गाय को हरी घास खिलाएं।

तुला- बजरंग बाण का पाठ करें और हनुमान मंदिर में बड़ी बूंदी अंगूर दाना अर्पित करें।

वृश्चिक- राम रक्षा स्त्रोत्र का पाठ करें और बन्दरों को मीठा फल खिलाएं।

धनु- राम नाम का पाठ करें और मंदिर में हनुमान जी को रोट चढ़ावें।

मकर- हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें और लड्डु का भोग लगाएं और मछलियों को आटे की गोलियां राम नाम के साथ डालें।

कुंभ- सुंदरकांड का पाठ करें और चीटियों को भुना हुआ मीठा आटा डालें।

मीन- बालकांड का पाठ करें और हनुमान चालीसा का मंदिर या किसी भी धर्म स्थान में वितरण करें।

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