समाचार सच, हल्द्वानी। महानगर के युवाओं में नशा खोरी इस कदर छा गयी है, कि अब नशा करने वाला व्यक्ति अपने नशे की लत को पूरी करने के लिये घरों में परिजनों से झगड़ा, चोरी चकारी और अन्य वारदातों को अंजाम देने पीछे हटते नजर नहीं आ रहे हैं। इसको लेकर कई सामाजिक संगठन नशें के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाकर नशा करने वाले व्यक्तियों को इसके दुष्प्रभावों से अवगत कराते नजर आ रहे है। वहीं कात्यायनी फाउंडेशन द्वारा नशा प्रभावी क्षेत्रों में बैठकों के माध्यम से इसके दुष्प्रभावों को उजागर कर नशे की लत छोड़ने का अभियान चलाये हुए है। इसी क्रम में फाउंडेशन की अध्यक्षा आशा शुक्ला ने दमुवाढूंगा में आयोजित बैठक में नशे के दुष्प्रभावों को लेकर चर्चा और इसके खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया।
बैठक को संबोधित करते हुए अधिवक्ता आरपी पांडे ने नशे को एक अभिशाप बताया और इसके खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने पर जोर दिया। फाउंडेश्न की अध्यक्षा आशा शुक्ला ने कहा कि आज नशे की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण कई परिवार टूटने की कगार पर पहुंच चुके हैं। वहीं इससे छात्र व युवा वर्ग का भविष्य भी बर्बाद हो रहा है। इसकी गिरफ्त में फंस चुके लोग नशे की लत पूरी करने के लिए चोरी-चकारी समेत अन्य अपराधिक वारदातों को अंजाम देने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं। इसके प्रति जनजागरूकता की नितान्त आवश्यकता है।
उनका कहना है कि उसकी संस्था अभी तक सामाजिक समस्याओं के अलावा निर्धन बच्चों को शिक्षित बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। लेकिन अब वह नशे के खिलाफ भी बड़े स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलायेंगी।
बैठक में दीप्ति चुफाल, महिमा पांडे, हरीश मिश्रा, करन थापा, गीता, गायत्री, लीला देवी, गोविंदी, नंदी देवी, सरिता देवी, मंजू समेत कई महिलाएं मौजूद रही।




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