जाने पंचांग से राखी बांधने का शुभ मुहूर्त…

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समाचार सच, हल्द्वानी (अध्यात्म डेस्क) हिंदू धर्म के लोगों के लिए आज यानि 22 अगस्त बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस दिन भाई-बहनों का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन मनाया जाएगा। साथ ही श्रावणी पूर्णिमा के साथ सावन मास का समापन भी हो जाएगा। बता दें कि इस दिन गायत्री जयंती भी आज मनाई जाएगी।

देश में रक्षाबंधन धूमधाम से मनाया जाता है, ये त्योहार भाई बहनों के लिए खास माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनके खुशहाल जीवन की कामना करती हैं। माना जाता है कि रक्षाबंधन के मौके पर बहनों को अपनी भाइयों को सही समय पर राखी बांधनी चाहिए। हिंदू पंचांग से जानें खास बातें –

50 साल बाद बनेगा खास संयोग: ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस साल की राखी पर चार खास तरह के योग बनते दिख रहे हैं। कहा जा रहा है कि ऐसा लगभग 50 सालों के बाद होगा। इस दौरान रक्षाबंधन पर सर्वार्थसिद्धि, कल्याणक, महामंगल और प्रीति योग एक साथ बनेंगे। जानकारों के मुताबिक आखिरी बार ऐसा संयोग 1981 में हुआ था।

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बनेगा गजकेसरी योगरू हिंदू पंचांग के मुताबिक राखी के मौके पर चंद्रमा कुंभ राशि में रहेंगे जबकि इसी राशि में गुरु भी वक्री चाल में मौजूद रहेंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार गुरु और चंद्रमा की इस युति से रक्षाबंधन पर गजकेसरी योग बन रहा है। शास्त्रों में इस संयोग को बेहद खास माना जाता है।

अन्य ग्रहों का संयोग भी है खासरू राखी के खास अवसर पर सूर्य, मंगल और बुध ग्रह एक साथ सिंह राशि में रहेंगे और इस दौरान धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। कहा जा रहा है कि 474 सालों बाद ऐसा योग बनेगा।

जानें शुभ मुहूर्त:
राखी बांधने का समय – सुबह 06 बजकर 15 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 31 मिनट तक
राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 42 से शाम 04 बजकर 18 मिनट तक
राखी वाले दिन भद्रा अंत का समय – सुबह 06 बजकर 15 मिनट पर

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आज के शुभ मुहूर्त:
अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। अमृत काल सुबह 09.34 से सुबह 11.07 मिनट तक होगा। सर्वार्थ सिद्धि योग 07.19 ।ड से 05.44 ।ड अगस्त 04 तक है। सुबह साढ़े 10 तक शोभना योग रहेगा। वहीं, शाम 7 बजकर 40 मिनट तक धनिष्ठा नक्षत्र होगा।

अशुभ मुहूत: राहु काल शाम सवा 5 से 6 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। वहीं, गुलिक काल का समय दोपहर 03.39 से 05.16 मिनट तक है। जबकि यमगण्ड दोपहर 12.24 से 02.01 दिन तक, दुर्मुहूर्त शाम 05.10 से शाम 06.02 तक रहेगा। वर्ज्य का समय 22 अगस्त रात 2 बजकर 48 मिनट से 23 अगस्त 4 बजकर 23 मिनट तक होगा।

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