समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। अगर अमावस्या तिथि पितृ पक्ष में आती है, तो इसका महत्व और बढ़ जाता है। पितृ पक्ष में आने वाली अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या या सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या कहा जाता है। यह दिन श्राद्ध पक्ष या पितृ पक्ष का आखिरी दिन होता है। इस साल सर्व पितृ अमावस्या 2 अक्तूबर, बुधवार को है। सर्व पितृ अमावस्या पर दान, तर्पण व पिंडदान किया जाता है। मान्यता है कि पितृ पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या तिथि पर वस्त्र व अन्न आदि चीजों का दान करने से जीवन में सुख-शांति व खुशहाली आती है। जानें अमावस्या पर क्या दान करना चाहिए-
अन्न का दान-
पितृ अमावस्या पर अन्न का दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में खुशहाली आती है व सुख-शांति बनी रहती है।
भोजन का दान-
सर्व पितृ अमावस्या पर भोजन का दान करने से पितरों का आशीष प्राप्त होता है और दुखों से छुटकारा मिलता है।
तिल का दान-
सर्व पितृ अमावस्या पर तिल का दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि अमावस्या तिथि पर तिल दान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
फल-
अमावस्या तिथि पर फलों का दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन की विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं और पितरों का आशीष प्राप्त होता है।
गुड़-
पितृ अमावस्या पर गुड़ का दान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ तृप्त होते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।
सर्वपितृ अमावस्या पर ब्राह्मणों को क्या दान करना चाहिए- सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध व तर्पण करने के बाद ब्राह्मणों को बर्तन, फल, अनाज, कच्ची सब्जी, धोती-कुर्ता, धन व मिठाई आदि का दान करना चाहिए।
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