जानिए क्यों- उत्तराखण्ड के पूर्व सीएम ने नानकमत्ता गुरुद्वारा में सेवा के रूप में लगाई झाडू और किये जूते साफ

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समाचार सच, खटीमा/देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत आज गुरुद्वारा पहुंचे और उन्होंने वहां सेवा की। इस दौरान रावत गुरुद्वारे में झाड़ू लगाते नजर आए। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले हरीश रावत ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष और चार कार्यकारी अध्यक्षों को ‘पंज प्यारे’ कहकर संबोधित किया था। जिस पर काफी विवाद हो गया। विवाद शुरू होते ही रावत ने इस बयान पर मांफी मांग ली थी।

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शुक्रवार को कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा कार्यक्रम के दौरान हरीश रावत उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले में नानकमत्ता गुरुद्वारे पहुंचे। जहां उन्होंने सेवा के रूप में झाडू लगाई और वहां आए लोगों के जूते साफ किए। ज्ञात हो कि हरीश रावत इन दिनों उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर परिवर्तन यात्रा निकाल रहे हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को पूर्व सीएम हरीश रावत यहां नानकमत्ता पहुंचे थे। जहां उन्होंने लोगों से समर्थन मांगा और गुरुद्वारे में जाकर मत्था ठेका।

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हरीश रावत ने ट्वीट कर इसकी जानकारी भी दी। उन्होंने कहा- मैं, सिख धर्म और उसकी महान परंपराओं के प्रति हमेशा समर्पित भाव और आदर भाव रखता रहा हूं। मैं पुनः आदर सूचक शब्द समझकर उपयोग किये गये अपने शब्द के लिये सबसे क्षमा चाहता हूं।

ज्ञात हो कि पिछले दिनों रावत ने एक बयान में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और चार कार्यकारी अध्यक्षों को ‘पंज प्यारे’ बताया था, जिसपर विपक्षी दलों ने आपत्ति प्रकट की और अकाल तख्त साहिब ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बयान बताया था। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने रावत की टिप्पणी पर आपत्ति जताई थी और इसके लिए माफी की मांग की थी।

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सिख परंपरा में ‘पंज प्यारे’ संबोधन गुरु के पांच प्यारों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह और उनके पांच अनुयायियों से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की थी।

विवाद के बाद बुधवार को अपने फेसबुक पेज पर रावत ने ‘पंज प्यारे’ टिप्पणी के लिए ‘गलती’ स्वीकार की। रावत ने लिखा, ‘‘कभी कभी सम्मान जाहिर करने के लिए आप ऐसे शब्द का इस्तेमाल कर जाते हैं जिन पर आपत्ति उठ सकती है। मैंने भी अपने माननीय अध्यक्ष एवं चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए ‘पंज प्यारे’ शब्द का इस्तेमाल कर गलती की है। मैं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए क्षमा प्रार्थी हूं’।

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