सूरजकुंड, फरीदाबाद डेस्क। हरियाणा पर्यटन के द्वारा आयोजित 38वें सूरजकुंड मेला में इस बार कुमाऊंनी हस्त कला ने विशेष आकर्षण पैदा किया। उत्तराखंड की पारंपरिक कलाकृतियों, जैसे गोबर से बने घरों, लकड़ी के उत्पाद, रंगोली, पिछौड़ा और ऐपण से तैयार कला का प्रदर्शन दर्शकों के बीच जबरदस्त सराहना प्राप्त कर रहा है।
हार्ट ऑफ हिमालय संस्था की प्रदर्शनी में कुमाऊंनी संस्कृति को बढ़ावा देने वाली अनेक कलाकृतियाँ प्रदर्शित की गईं, जो खासतौर पर प्रियंका जोशी के नेतृत्व में पहाड़ की ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाई गईं। मेले में आईं हरियाणा की आईपीएस अधिकारी दिव्यांशी सिंघला और एनएचपीसी की अधिकारी रूपाली ने प्रदर्शनी की सराहना करते हुए इसे अद्भुत और आकर्षक बताया।
प्रियंका जोशी ने बताया कि उनकी संस्था कुमाऊंनी परिधान, पिछौड़ा, रंगोली और ऐपण से बनी कलाकृतियों को ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी बाजारों तक पहुंचाने का कार्य कर रही है, ताकि पहाड़ की महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें। उनके प्रयासों का उद्देश्य कुमाऊंनी संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना है, ताकि उत्तराखंड की विशेष पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया जा सके।


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