
समाचार सच, हल्द्वानी/गौलापार/चोरगलिया। ग्राम खेड़ा की सेवा की परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं लीला बिष्ट, जो इस बार 19 आमखेड़ा-चोरगलिया-गौलापार जिला पंचायत सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी रण में पूरी मजबूती से डटी हैं।
राजनीति उनके परिवार के लिए कोई नई बात नहीं- पति अर्जुन बिष्ट पूर्व में क्षेत्र पंचायत सदस्य के रूप में जनता की सेवा कर चुके हैं, और जब सीट महिला आरक्षण में आई तो लीला बिष्ट ने प्रधान पद का चुनाव जीतकर अपने काम और ईमानदारी से क्षेत्र का दिल जीत लिया।
इस बार फिर से जनता के बीच जाकर सेवा का संकल्प लेकर लीला बिष्ट ‘कलम-दवात’ चुनाव निशान के साथ, बैलेट पेपर पर क्रम संख्या 3 पर, जनता से आशीर्वाद मांग रही हैं। उनके डोर-टू-डोर जनसंपर्क अभियान में जिस तरह का उत्साह और समर्थन देखने को मिल रहा है, उसने चुनावी समीकरणों को ही बदल कर रख दिया है।
लीला बिष्ट की सादगी, दृढ़ इच्छाशक्ति और ज़मीन से जुड़ा व्यवहार लोगों को प्रभावित कर रहा है। महिलाएं उन्हें अपनी अपनी दीदी कह रही हैं, तो बुज़ुर्ग उन्हें क्षेत्र की बेटी बहू मानकर आशीर्वाद दे रहे हैं। युवा वर्ग उनके साफ-सुथरे राजनीतिक दृष्टिकोण को समर्थन दे रहा है।
लीला बिष्ट ने अपने प्रचार के दौरान कहा कि यह चुनाव मेरे लिए सत्ता पाने का साधन नहीं, बल्कि अपने गांव, अपने क्षेत्र को आगे बढ़ाने का संकल्प है। मैंने पहले भी प्रधान के रूप में जनता की सेवा की, अब जिला पंचायत सदस्य के रूप में विकास को हर दरवाजे तक पहुंचाना चाहती हूं।
उनके पति अर्जुन बिष्ट भी प्रचार में कंधे से कंधा मिलाकर जनता के बीच जा रहे हैं और पुराने जनसंपर्कों से समर्थन जुटा रहे हैं। चुनावी फिजा में एक बात साफ सुनाई दे रही है-कलम-दवात का निशान सिर्फ चुनाव चिन्ह नहीं, बल्कि विकास, ईमानदारी और उम्मीद की पहचान बन गया है।

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