साधना के बाद भगवान श्री आदिनाथ ने प्रथम आहार के रूप में किया था सेवन, जैन समुदाय ने किया गन्ने के रस का वितरण

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Lord Shri Adinath consumed it as the first food after meditation, Jain community distributed sugarcane juice

समाचार सच, देहरादून। जैन धर्म की वर्तमान चौबीसी के प्रथम तीर्थंकर भगवान श्री आदिनाथ का आज से लाखो वर्ष पूर्व अयोध्या से सन्यास ग्रहण करने के पश्चात मुनि अवस्था में 1 वर्ष की कठिन साधना के उपरांत वैशाख शुल्क तृतीया, आज के दिन हस्तिनापुर नगरी के राजा श्रेयांस द्वारा इच्छु रस (गन्ने का रस ) का प्रथम आहार ग्रहण दिवस के रुप में जैन समुदाय में बहुत मान्यता है और इसे उत्सव की तरह मनाया जाता है।

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इस उपलक्ष में आज तिलक रोड पर वरिष्ठ समाजसेवी सुधीर जैन और जैन परिवार ने गन्ने के रस वितरण का कार्यक्रम रखा। इस अवसर पर मुख्य रूप से शशी जैन, राहुल जैन, रेनू जैन, आलोक जैन, रिचा जैन, रिया जैन, रोशन राणा, शिवम गुप्ता, गजेंद्र कुमार आदि मौजूद थे।

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