समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। हिंदू पंचांग में मार्गशीर्ष माह को सर्वाेत्तम माना गया है। सनातन धर्म में इस महीने को भगवान श्री कृष्ण की पूजा के लिए समर्पित माना गया है। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मार्गशीर्ष अमावस्या के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन दान, पिंडदान और पूर्वजों का तर्पण करना चाहिए। ये सब उपाय करने से पितृ दोषों से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन के सभी दुःख दूर हो जाने लगते है।
मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या 1 दिसंबर 2024 रविवार को मनाई जायेगी। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त 1 दिसंबर सुबह 5.08 से सुबह 6.02 तक रहेगी। इसके अलावा पूजा का शुभ मुहूर्त 1 दिसंबर रविवार को सुबह 11.49 से दोपहर 12.31 बजे तक रहेगा।
मार्गशीर्ष अमावस्या पूजा विधि और महत्व
- मार्गशीर्ष अमावस्या पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करें।
- इसके पश्चात सूर्यदेव को अर्घ्य प्रदान करें और भगवन पूजा करें।
- अब अपने घर की छत पर जाकर अपने पितरों का तर्पण करें।
- तर्पण के बाद जरूरतमंदों को सामर्थ्य अनुसार दान-पुण्य करें।
- इसके पश्चात पूजा स्थल पर भगवान कृष्ण के मंत्रों का जाप करें।
- ऐसा करने से सुख-समृद्धि आती है और सारे संकट दूर हो जाते हैं।
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