गम और आंसूओं के बीच पंचतत्व में विलीन हुए शहीद जवान प्रवीन सिंह गुसाईं, पिता ने बेटे को दी मुखाग्नि तो छलके आंसू

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समाचार सच, देहरादून/टिहरी। कश्मीर में शहीद प्रवीन सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पुडोली पहुंचा तो पूरा इलाका ही उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि देने के लिए सड़कों पर उमड़ आया। मौके पहुंचे पुलिस व प्रशासनिक अफसरों के अलावा जनप्रतिनिधियों ने परिवार के लोगों को ढांढस बंधाया। इस दौरान ग्रामीणों ने शहीद के सम्मान में नारे तो लगाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाज़ी की। बाद में गमगीन माहौल में शहीद जवान प्रवीन के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया। उनके पैतृक घाट शिवपुरी में पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। इधर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और सैन्य कल्याण मंत्री ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी। टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय, घनसाली विधायक शक्ति लाल शाह, टिहरी डीएम ईवा आशीष श्रीवास्तव समेत हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

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आईडी ब्लास्ट में जवान प्रवीन हुए शहीद
गौरतलब है कि विगत 2 जून यानी गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के शोपियां में आईडी ब्लास्ट में जवान प्रवीन सिंह गुसाईं शहीद हो गए थे। जानकारी के मुताबिक, पतितुहलान और छोटीपुरा के बीच आतंकियों के छिपे होने सूचना मिली थी। आतंकियों की धरपकड़ के लिए राष्ट्रीय राइफल की टुकड़ी ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। सेना की टुकड़ी सेधाऊ बाजार पहुंची तो वहां अचानक धमाका हो गया। धमाके में गढ़वाल राइफल के जवान प्रवीन सिंह समेत अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं, घायल सैनिकों को श्रीनगर ले जाया गया और वहां से उन्हें एयर एंबुलेंस से सैन्य अस्पताल उधमपुर पहुंचाया गया। अस्पताल में इलाज के दौरान प्रवीन सिंह शहीद हो गए।

पार्थिव देह को ले जाते समय सेना के वाहन में बैठी शहीद प्रवीन की पत्नी
जम्मू से वायु सेना के विशेष विमान से शुक्रवार शाम साढ़े 6 बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट लाया गया। एयरपोर्ट पर शहीद प्रवीन सिंह को सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। शनिवार को सैन्य कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने पुष्पांजलि अर्पित की और कांधा देकर टिहरी के लिए रवाना किया। दोपहर को जवान का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा गांव पहुंचा तो सबकी आखें भर गई। अंतिम विदाई देने के लिए ग्रामीणों का हुजूम उमड़ा। इस दौरान पूरा माहौल गमगीन हो गया। सबसे ज्यादा लोगों की आंखें उस वक्त भर आईं, जब शहीद की पत्नी अमिता गुसाईं बेसुध होकर प्रवीण की पार्थिव देह को ले जा रहे सेना के वाहन में बैठ गई। कुछ दूर जाने पर किसी तरह सेना के जवानों और परिजनों ने उन्हें समझा बुझाकर वापस घर भेजा।

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एक हफ्ते के भीतर घर पर पहुंची शहादत की खबर
जवान प्रवीन सिंह गुसाईं (32) मूल रूप से टिहरी जिले के सीमांत नैलचामी घनसाली के पुंडोली गांव के रहने वाले थे। प्रवीन बीते 23 मई को ही एक माह की छुट्टी पूरी कर अपनी ड्यूटी पर लौटे थे। जो 26 मई को अपनी ड्यूटी पर तैनात हो गए थे, लेकिन एक हफ्ते के भीतर ही उनके घर पर शहादत की खबर आ गई। प्रवीन गुसाईं 2012 में आर्मी के 15वीं लाइन में भर्ती हुए थे। हाल में प्रवीन गुसाईं जम्मू कश्मीर में देश की सेवा में तैनात थे। प्रवीन गुसाईं का परिवार अपने भाई के साथ देहरादून के बंजारावाला में रहता है। 32 साल के प्रवीन अपने पीछे पत्नी और 6 साल के बेटे को छोड़ गए हैं।

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पिता ने शहीद बेटे को दी मुखाग्नि
रिटायर हवलदार प्रताप सिंह गुसाईं ने नम आंखों से अपने बेटे को मुखाग्नि दी। दरअसल, प्रताप सिंह गुसाईं के बड़े बेटे जापान के एक होटल में कार्यरत हैं। जो समय पर नहीं पहुंच पाए। जिसके बाद रिटायर पिता ने ही अपने छोटे बेटे को मुखाग्नि दी। इस दौरान उनके पिता ने कहा कि देश के दुश्मनों को मारने के लिए नई नीति बनानी पड़ेगी। अगर हमारी एलआईयू अगर ठीक से काम करेगी तो सही सूचना मिलेगी। ऐसे में इन घटनाओं को रोका जा सकता है।

घनसाली बाजार रहा बंद
शहीद प्रवीन गुसाईं की आखरी विदाई देने के लिए उनके पैतृक गांव पुंडोली में जनसमूह उमड़ा। शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचते पत्नी लिपट पड़ी। सारे गांव में चीख पुकार मच गई. किसी तरह परिवार को ढांढस बंधाकर पार्थिव शरीर को पैतृक घाट पर ले जाया गया। जहां प्रवीन सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए। प्रवीन की शहादत पर घनसाली बाजार पूरी तरह बंद रहा।

शहीद के नाम पर होगा स्कूल या सड़क का नाम
सैन्य कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने दिवंगत शहीद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि ग्रामीण जिस तरह भी चाहेंगे, वह उनकी भावनाओं के अनुरूप शहीद प्रवीन सिंह के नाम पर किसी स्कूल या सड़क का नामकरण किया जाएगा। इसके साथ ही, जोशी ने शहीद के परिवार को सम्मान राशि भी जल्द ही आवंटित कर देने का भरोसा दिलाते हुए बताया कि राज्य सरकार ने शहीद के परिवार को दी जाने वाली राशि बढ़ाकर 35 लाख रुपये कर दी है।

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