पिता की पल्टन में ही तैनात है शहीद का बेटा…

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समाचार सच, हल्द्वानी। शहीद उत्तम सिंह का जन्म अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया के ग्राम अमस्यारी में स्वर्गीय श्री लछम सिंह और श्रीमती सादुली देवी के घर में दिनांक 2 अक्टूबर 1967 को हुआ। मेजर बी एस रौतेला ने बताया कि अपने गांव के स्कूल से कक्षा 10 पास करते ही उत्तम सिंह दिनांक 20 सितंबर 1984 को कुमाऊँ रेजीमेंट में भर्ती हो गए। रानीखेत से प्रशिक्षण पूरा करने पर उन्हें 16 कुमाऊं में भेजा गया। कुछ समय बाद उनकी तैनाती 13 राष्ट्रीय राइफल्स में कर दी गई और उन्हें जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में भेज दिया गया। दिनांक 3 जनवरी 1996 को कुपवाड़ा में ही ऑपरेशन रक्षक में आतंकवादियों के साथ हुई कार्रवाई में सिपाही उत्तम सिंह शहीद हो गए। उनकी वीर नारी श्रीमती पदमा देवी कहती हैं कि अचानक क्या हो गया, कुछ समझ में ही नहीं आया। पति की शहादत के वक्त उनका बड़ा बेटा 3 वर्ष और छोटा बेटा मात्र 3 महीने का था। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दोनों बच्चों को लेकर हल्द्वानी आ गई। उन्होंने छोटे बेटे खुशाल को सैनिक स्कूल घोड़ाखाल की तैयारी करवाई और उसमें प्रवेश करा दिया। वहां से 12वीं पास करते ही खुशाल का चयन एनडीए में हो गया और वे वर्तमान में अपने पिता की ही पल्टन 16 कुमाऊं में कैप्टन के पद पर तैनात हैं। बड़े बेटे का अपना कारोबार है। श्रीमती पदमा देवी के दोनों बेटे हमेशा कहते हैं कि आप ही हमारे लिए मम्मी-पापा दोनों हो।

समाचार सच परिवार शहीद उत्तम सिंह की शहादत को सलाम करता है और उनको नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता है। साथ ही कैप्टन खुशाल के उज्जवल भविष्य की कामना करता है।

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