समाचार सच, देहरादून। अस्पतालों से हटाए गए कर्मचारियों के आंदोलन ने उग्र रूप धारण कर लिया है। आमरण अनशन पर बैठे एक कर्मचारी रामनिवास को देर रात तबीयत बिगड़ने पर दून अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। वहीं एक आंदोलनकारी शुभम अरोडा ने भी जल त्याग दिया है।
दस जून को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में कर्मचारियों का मुद्दा आए, इसलिए वह उग्र आंदोलन पर मजबूर है। उधर शुक्रवार से उन्होंने सभी कर्मचारियों के भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। कर्मचारी नेता संजय कोरंगा और अभिषेक कैंतुरा ने बताया कि कोई कर्मचारियों की सुध नहीं ले रहा है अधिकारी स्पष्ट बात बताने को तैयार नहीं है वह उग्र आंदोलन करने पर मजबूर है। जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, वह आंदोलन करते रहेंगे।


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