डीडीहाट जिले में शामिल नहीं होगी मुनस्यारी, धारचूला ब्लाक, पंचायत प्रतिनिधियों ने सीएम को भेजा पत्र

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समाचार सच, मुनस्यारी। चीन सीमा क्षेत्र से लगे विकास खंड मुनस्यारी तथा धारचूला के त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों ने प्रस्तावित डीडीहाट जिले में शामिल होने से दो टूक शब्दों में मना कर दिया। उन्होंने कहा कि आवश्यकता सीमांत क्षेत्र में जिला बनाने की है। इसके लिए सरकार से वार्ता की जाएगी। लोकसभा चुनाव को देखते हुए डीडीहाट जिले को बनाने की सुगुबूहाट शुरू हो गई है। चीन सीमा पर बसे मुनस्यारी तथा धारचूला विकास खंडों के पंचायत प्रतिनिधियों ने समय समय पर उक्त प्रस्तावित जिले में शामिल होने का विरोध किया था। मुनस्यारी तथा धारचूला क्षेत्र पंचायतों की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव भी पारित हो गया है कि यहां की जनता डीडीहाट जिले में शामिल नहीं होना चाहती है।

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त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के प्रदेश अध्यक्ष तथा सीमांत क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य जगत मर्ताेलिया ने आज ईमेल से पुनः प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खत लिखकर कहा कि चीन सीमा से लगे विकास खंड मुनस्यारी तथा धारचूला को मिलाकर सीमांत जिला बनाने के प्रस्ताव पर पहले अमल किया जाए।

उन्होंने कहा कि वर्तमान जिला मुख्यालय से 215 किमी दूर स्थित इस सीमा क्षेत्र को जिले का दर्जा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि डीडीहाट जिले से वर्तमान जिला मुख्यालय मात्र दो घंटे में पहुंच सकते है। जबकि सीमांत क्षेत्र से आज भी मिलम गांव के नागरिक को दो दिन की 67 किमी पैदल यात्रा के बाद सात घंटे वाहन से यात्रा करके वर्तमान जिला मुख्यालय पहुंचते हैं। मर्ताेलिया ने बताया कि डीडीहाट तथा बेरीनाग विकास खंड के 54 ग्राम पंचायतों को भी सीमांत ज़िले में शामिल किया जा सकता है। उनके लिए भी मुनस्यारी तथा धारचूला के मध्य प्रस्तावित जिला मुख्यालय नजदीक पड़ता है। उन्होंने सीएम को स्पष्ट किया है कि सीमांत क्षेत्र को जबरन जबरन डीडीहाट में शामिल किया गया तो सीमांत की जनता उसका पुरजोर विरोध करेगा।

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